Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Dec, 2018 06:25 PM
देश के सबसे प्रमुख आयुर्वेदिक समूह डाबर के मालिक प्रदीप बर्मन की 20.8 करोड़ की संपत्ति को फेमा कानून के तहत जब्त किया जाएगा। फेमा कानून की देख-रेख करने वाले सक्षम प्राधिकरण ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इस साल मई में जब्त की संपत्ति को सही ठहराया है।
नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय ने देश की नामी कंपनी डाबर इंडिया और एम्मार एमजीएफ के दो निदेशकों की सम्पति जब्त कर ली है। डाबर इंडिया के डायरेक्टर प्रदीप बर्मन की 20.8 करोड़ की सम्पत्ति सीज कर दी है। वहीं ईडी ने एम्मार एमजीएफ के एडीशनल एमडी श्रवण गुप्ता की 10.28 की सम्पत्ति सीज की है।
प्रदीप बर्मन के बैंक अकाउंट में अनाधिकृत लेन देन का आरोप है। साथ ही प्रदीप के पास एक जूरिक में एचएसबीसी बैंक का अकाउंट है। वहीं श्रवण गुप्ता के स्विटजरलैंज के एचएसबीसी बैंक अकाउंट में 15,40,650 यूएस डॉलर होने की बात सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि विदेश की बैंकों में कालाधन छिपा रखा है।
फेमा कानून की देख-रेख करने वाले सक्षम प्राधिकरण ने सही कार्यवाई होने की जानकारी दी है। बता दें कि ज्यूरिख स्थित एचएसबीसी की शाखा में 32.12 लाख डॉलर जमा होने की जानकारी बरमन ने आयकर विभाग को नहीं दी थी। इसलिए यह सम्पत्ति जब्त की गई।
इस साल मई में जब्त की गई थी संपत्ति
22 मई को ईडी ने संपत्ति को जब्त किया था। 2007-08 के आयकर रिटर्न में प्रदीप बर्मन ने अपने इस निवेश का खुलासा नहीं किया था। जिसके बाद ईडी ने अपनी जांच में इस बात को सही पाया था।
यह संपत्ति की थी जब्त
ईडी ने हुडको और भारतीय रेलवे वित्त निगम के टैक्स फ्री बांड को जब्त किया था। प्रदीप फिलहाल डाबर इंडिया सनत प्रोडक्ट लिमिटेड, रत्ना कमर्शियल इंटरप्राइजेज के निदेशक हैं। इसके अलावा वो बर्मन परिवार द्वारा संचालिच डॉ.एसके बर्मन चैरिटेबिल ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं।