Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Jun, 2023 11:58 AM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नाबार्ड से कहा कि वह किसानों को अधिक लाभदायी के साथ-साथ पानी की कम खपत करने वाली फसलों, खासकर मोटे अनाज, दलहन और तिलहन की ओर अपना रुख करने के लिए प्रोत्साहित करे। राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक...
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नाबार्ड से कहा कि वह किसानों को अधिक लाभदायी के साथ-साथ पानी की कम खपत करने वाली फसलों, खासकर मोटे अनाज, दलहन और तिलहन की ओर अपना रुख करने के लिए प्रोत्साहित करे। राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की समीक्षा बैठक में सीतारमण ने इस कृषि-वित्त संस्थान को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में ग्रामीण आय में सुधार के साथ जमीनी स्तर पर दक्षता और परिणाम सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की सलाह दी।
चालू अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष 2023 में ‘श्री अन्न’ का उत्पादन और विपणन राष्ट्रीय प्राथमिकता है। ऐसे में वित्त मंत्री ने नाबार्ड को किसानों को मोटे अनाज के तहत आने वाले खेती के रकबे को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने और पहले से ही मोटे अनाज उगाने वाले किसानों के लाभ की रक्षा करने का निर्देश दिया।
वित्त मंत्रालय के ट्वीट में कहा गया है, ‘वित्त मंत्री ने किसानों को अधिक लाभकारी लेकिन कम पानी की खपत वाली फसलों, विशेष रूप से बाजरा, दलहन और तिलहन की ओर बढ़ने के लिए जागरूक करने के ठोस प्रयासों पर जोर दिया।’ मंत्री ने नाबार्ड को ग्रामीण ऋण बढ़ाने के लिए कदम उठाने के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों पर ध्यान देने के साथ किसान उत्पादक संगठनों द्वारा जैविक उत्पादकों के एकत्रीकरण को सुविधाजनक बनाने का भी निर्देश दिया।
अन्य ट्वीट में वित्त मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय बजट और प्रमुख योजनाओं से वित्तपोषित परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए 17 जून को एक ‘चिंतन शिविर’ आयोजित किया गया था।