EPFO ने करोड़ों सब्सक्राइबर्स को दी बड़ी राहत, पैसे निकालने के नियमों में किया बदलाव

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Apr, 2024 11:26 AM

epfo gave big relief to crores of subscribers changed the rules

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने करोड़ों सब्सक्राइबर्स को बड़ी राहत दी है। ईपीएफओ ने पीएफ विड्रॉल के नियमों में नया बदलाव किया है। इससे इलाज के लिए पीएफ से पैसे निकालना आसान हो गया है। अब सब्सक्राइबर्स मेडिकल जरूरतें आने पर आसानी से ज्यादा...

बिजनेस डेस्कः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने करोड़ों सब्सक्राइबर्स को बड़ी राहत दी है। ईपीएफओ ने पीएफ विड्रॉल के नियमों में नया बदलाव किया है। इससे इलाज के लिए पीएफ से पैसे निकालना आसान हो गया है। अब सब्सक्राइबर्स मेडिकल जरूरतें आने पर आसानी से ज्यादा पैसों की निकासी कर पाएंगे।

इसी सप्ताह जारी हुआ सर्कुलर

ईपीएफओ का यह बदलाव पैराग्राफ 68जे के तहत ऑटो क्लेम प्रोसेसिंग (ऑटो विड्रॉल) की लिमिट को लेकर है। ईपीएफओ ने इस संबंध में 16 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में बताया गया है कि पहले जहां पैराग्राफ 68जे के तहत पीएफ से पैसे निकालने की लिमिट 50 हजार रुपए थी, उसे अब बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है।

50 हजार से 1 लाख हुई लिमिट

इसका मतलब हुआ कि अब अगर कोई ईपीएफओ सब्सक्राइबर अपने पीएफ अकाउंट से मेडिकल जरूरतों के लिए 1 लाख रुपए तक के विड्रॉल का अप्लिकेशन लगाता है तो उसकी प्रोसेसिंग ऑटो मोड में हो जाएगी। पहले ऑटो प्रोसेसिंग की सुविधा सिर्फ 50 हजार रुपए तक के क्लेम के लिए थी यानी अब ईपीएफओ के सब्सक्राइबर मेडिकल जरूरतों के लिए आसानी से ज्यादा पैसों की निकासी कर सकते हैं।

PF से मिलती है सोशल सिक्योरिटी

ईपीएफओ प्राइवेट सेक्टर के करोड़ों कर्मचारियों के लिए सोशल सिक्योरिटी फंड को मैनेज करता है, जिनमें ईपीएफ और ईपीएस आदि शामिल हैं। पीएफ में कंट्रीब्यूट करने वाले सभी सब्सक्राइबर को कुछ जरूरत पड़ने पर पैसे निकालने की सुविधा मिलती है, जैसे कोई कर्मचारी अगर अचानक से बेरोजगार हो जाता है यानी उसकी नौकरी चली जाती है, ऐसे में फॉर्म-19 के तहत अप्लाई कर पीएफ से पैसे निकाले जा सकते हैं।

68जे के तहत कब होता है क्लेम?

कर्मचारियों को नौकरी जाने के अलावा मकान खरीदने, मकान बनाने, मकान की मरम्मत कराने, शादी-विवाह, बच्चों की पढ़ाई आदि जैसी जरूरतों के लिए भी पीएफ से पैसे निकालने की सुविधा मिलती है। एक ऐसी ही जरूरत खुद के या डिपेंडेंट के इलाज भी है। इसके लिए पैराग्राफ 68जे के तहत पीएफ से एडवांस विड्रॉल किया जा सकता है। इसमें अगर सब्सक्राइबर या डिपेंडेंट एक महीने से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहते हों या टीबी, लेप्रोसी, पैरालिसिस, कैंसर, मेंटल इलनेस, हर्ट की कोई बीमारी आदि से पीड़ित हों तो 68जे के तहत क्लेम किया जा सकता है।
 

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