Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Sep, 2024 11:22 AM
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को सहारा समूह (Sahara Group) को आदेश दिया कि वह 15 दिन के भीतर एक एस्क्रो खाते में 1,000 करोड़ रुपए जमा करे। साथ ही, मुंबई के वर्सोवा में स्थित अपनी जमीन के विकास के लिए एक संयुक्त उद्यम (ज्वाइंट वेंचर)...
बिजनेस डेस्कः सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को सहारा समूह (Sahara Group) को आदेश दिया कि वह 15 दिन के भीतर एक एस्क्रो खाते में 1,000 करोड़ रुपए जमा करे। साथ ही, मुंबई के वर्सोवा में स्थित अपनी जमीन के विकास के लिए एक संयुक्त उद्यम (ज्वाइंट वेंचर) स्थापित करने की अनुमति भी दी। इस विकास से 10,000 करोड़ रुपए जुटाए जा सकेंगे, जिन्हें सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा करना होगा ताकि निवेशकों को पैसा लौटाया जा सके।
अगर यह संयुक्त उद्यम 15 दिन के भीतर अदालत में दर्ज नहीं किया गया तो वर्सोवा में 1.21 करोड़ वर्ग फुट की जमीन को बेच दिया जाएगा। जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने स्पष्ट किया कि यदि समय पर ज्वाइंट वेंचर समझौता पेश नहीं किया जाता है, तो कोर्ट जमीन को बेचने के लिए स्वतंत्र होगा।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि तीसरे पक्ष द्वारा जमा की जाने वाली 1,000 करोड़ रुपए की राशि एस्क्रो खाते में रखी जाएगी और अगर अदालत संयुक्त उद्यम समझौते को मंजूरी नहीं देती है, तो यह राशि वापस कर दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई एक महीने बाद होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की कंपनियों- सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को मुंबई में एंबी वैली प्रोजेक्ट सहित अन्य संपत्तियों के विकास के लिए ज्वाइंट वेंचर समझौता करने की अनुमति दी है। 2012 में कोर्ट ने सहारा समूह को करीब 25,000 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश दिया था।