Edited By Isha,Updated: 28 Aug, 2018 10:05 AM
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि वर्ष 2025 तक भारतीय निर्यात दुगुना करने के लिए अनिश्चित वैश्विक व्यापार, तरलता के संकट, मालवहन की ऊंची लागत, उत्पादन
नई दिल्लीः केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि वर्ष 2025 तक भारतीय निर्यात दुगुना करने के लिए अनिश्चित वैश्विक व्यापार, तरलता के संकट, मालवहन की ऊंची लागत, उत्पादन के मानक और गुणवत्ता की चुनौतियों से निपटना होगा।
प्रभु ने यहां निर्यात दुगुना करने के लिए रणनीति पर चर्चा करने के लिए विभिन्न पक्षों और वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में कहा कि निर्यात बढऩे से देश की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। निर्यात से रोजगार के अवसरों का सृजन होगा और विदेशी मुद्रा अर्जित होगी।उन्होंने कहा कि निर्यात बढ़ाने के लिए अनिश्चित वैश्विक व्यापार पर ध्यान देना होगा और बैंकिंग प्रणाली मे व्यापक सुधार करते हुए तरलता के संकट से निपटना होगा।
उन्होंने कहा कि मालवहन की लागत बहुत ऊंची है जिससे उत्पादों की कीमतों में इजाफा हो जाता है। इसके अलावा भारतीय उद्योगों को उत्पादन के मानक तथा उत्पादों की गुणवत्ता पर भी लगातार नजर रखनी होगी। बैठक में तय किया गया है कि केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सी आर चौधरी निर्यात को दुगुना करने के अभियान की लगातार निगरानी करेंगे विभिन्न निर्यात परिषदों और विभागों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।