Edited By Supreet Kaur,Updated: 11 Apr, 2018 04:15 PM
सरकार पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए पॉलीथीन बैग की जगह जूट बैग के इस्तेमाल और प्लास्टिक की पुरानी बोतलों से कपड़े के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। कपड़ा राज्य मंत्री अजय टमटा ने आज बताया कि सुविधा के लिए लोग कपड़े के परम्परागत झोले की जगह समान की...
नई दिल्लीः सरकार पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए पॉलीथीन बैग की जगह जूट बैग के इस्तेमाल और प्लास्टिक की पुरानी बोतलों से कपड़े के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। कपड़ा राज्य मंत्री अजय टमटा ने आज बताया कि सुविधा के लिए लोग कपड़े के परम्परागत झोले की जगह समान की खरीद के लिए पॉलीथीन बैग का उपयोग करते हैं जिससे बड़े पैमाने पर पर्यावरण प्रदूषण होता है।
उन्होंने बताया कि पॉलीथीन बैग का इस्तेमाल रोकने के लिए दूध उत्पाद और घरेलू उपयोग की वस्तुओं को उपलब्ध कराने वाली मदर डेयरी और सफल स्टोर पर जूट के बैग बेचे जा रहे हैं। इसकी कीमत 27 रुपए प्रति बैग है। यह बैग भारतीय जूट निगम उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने बताया कि अलग अलग तरह के उपयोग के लिए राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान ने एक सौ तरह के बैग का डिजाइन तैयार किया है। देश में काफी मात्रा में जूट उपलब्ध है जिसके उत्पाद से प्रदूषण की समस्या का काफी हद तक समाधान किया जा सकता है और किसानों की आय को भी बढ़ाया जा सकता है।
टमटा ने कहा कि पानी के लिए उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक की बोतलों से बड़े पैमाने पर पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है। इन बोतलों से उत्तराखंड के रुद्रपुर में कपड़ा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की बोतलों से तैयार धागे से बनी साड़ी बेहद खूबसूरत होती है। उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि नेशनल टेक्सटाइट कारपोरेशन की 23 मिलों में से केवल चार मुनाफा कमा रही है जिनमें केरल, अहमदाबाद और कोयंबटूर की मिलें शामिल हैं। अन्य मिलों को मुनाफा में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। घाटे वाली मिलों में पुरानी प्रौद्योगिकी को बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने गत एक से 15 मार्च तक पूरें देश में स्वच्छता पखवाड़ा मनाया और इस दौरान लोगों को अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से स्वच्छता के प्रति जागरुक किया।