Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Oct, 2019 02:17 PM
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने तमाम मतभेदों और विरोधों के बावजूद डिजिटल करेंसी (क्रिप्टोकरेंसी) लिब्रा को अमल में लाने की दिशा में सोमवार को आधिकारिक तौर इसे पेश कर दिया। अमेरिकी नियामकों एवं राजनेताओं की ओर से आलोचनाओं के बावजूद फेसबुक
बिजनेस डेस्कः सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने तमाम मतभेदों और विरोधों के बावजूद डिजिटल करेंसी (क्रिप्टोकरेंसी) लिब्रा को अमल में लाने की दिशा में सोमवार को आधिकारिक तौर इसे पेश कर दिया। अमेरिकी नियामकों एवं राजनेताओं की ओर से आलोचनाओं के बावजूद फेसबुक इस योजना पर आगे बढ़ रही है। इस नई मुद्रा का प्रबंधन लिब्रा एसोसिएशन करेगी। लिब्रा एसोसिएशन ने सोमवार को जिनिवा में उद्घाटन बैठक में 21 सदस्यीय चार्टर पर हस्ताक्षर किए।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
यह मुद्रा का एक डिजिटल रूप है। इसे जारी करने वाली कंपनियों या एजेंसियों की वेबसाइट या एप के जरिए केवल आईडी-पासवर्ड के जरिए संचालित किया जाता है। उपयोगकर्ता इसका इस्तेमाल गुमनामी से और बिना डिजिटल निशान छोड़े खरीद-बिक्री कर सकते हैं। आईडी-पासवर्ड भूल जाने पर पूरी पूंजी डूबने की आशंका रहती है। बिटक्वाइन इस क्षेत्र में सबसे चर्चित क्रिप्टो करेंसी है। दुनिया के अधिकतर देशों में इस पर प्रतिबंध है।
निजता को लेकर विरोध
लिब्रा की घोषणा के बाद से ही फेसबुक अमेरिकी नियामकों और राजनेताओं की तरफ से आलोचना झेल रही है। उनका कहना है कि उपयोगकर्ता की निजता की रक्षा करने को लेकर फेसबुक की चुनौतियां लिब्रा को भी प्रभावित करेंगी। उपयोगकर्ताओं के आंकड़े (डाटा) चोरी होने और निजता के उल्लंघन को लेकर फेसबुक कई गंभीर आरोपों का सामना कर रही है।
चीन भी डिजिटल मुद्रा पेश करेगा
चीन भी अपनी डिजिटल मुद्रा पेश करने की तैयार में है। सरकार और केंद्रीय बैंक इसकी मंजूरी दे सकते हैं। विश्लेषकों ने यह बात कही। सितंबर के अंत में, चीन के केंद्रीय बैंक के गवर्नर यी गंग ने कहा था कि नई मुद्रा मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली से जुड़ी हो सकती है। जैसे कि वीचैट और अलीपे एप बैंक खातों के माध्यम से युआन लेनदेन की अनुमति देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन 11 नवंबर को अपनी डिजिटल मुद्रा पेश कर सकता है क्योंकि इस दिन से वहां महासेल की शुरुआत होती है।
RBI भी कर रहा विचार
भारतीय रिजर्व बैंक भी डिजिटल मुद्रा लाने की योजना पर काम कर रहा है। पिछले साल रिजर्व बैंक ने कहा था इस तरह की मुद्रा के चलन को देखते हुए वह इसे भारत में पेश करने के मद्देनजर इसके सभी पहलूओं पर विचार कर रहा है। हालांकि, आरबीआई ने इसे लाने की कोई समय सीमा नहीं बताई है।