Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jun, 2017 02:47 PM
देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ मई माह के दौरान गिरकर तीन माह के निचले स्तर पर पहुंच गई है
नई दिल्लीः देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ मई माह के दौरान गिरकर तीन माह के निचले स्तर पर पहुंच गई है। निक्कई मार्कीट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेज मैनेजर्स के इंडेक्स (PMI) के मंथली सर्वे में पाया गया है कि नए ऑर्डर और प्रोडक्शन में कमी आई है। वहीं, महंगाई का दबाव बढ़ने का असर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की पॉलिसी पर भी दिखाई देखा। मई में मैन्युफैक्चरिंग PMI 51.6 पर पहुंच गई जो कि तीन माह के निचले लेवल पर है। अप्रैल में यह आंकड़ा 52.5 पर था।
भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की कम हुई ग्रोथ
आई.एच.एस. मार्टिक के इकोनॉमिस्ट और रिपोर्ट के लेखक पॉलीयाना डे लिमा ने कहा कि भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आई ग्रोथ मई में कम हो गई है। डिमांड कम रहने से आउटपुट में होने वाला एक्सपेंशन धीमा रहा और कंपनियों को मिलने वाले नए काम भी कम हो गए। उन्होंने यह भी कहा कि नए एक्सपोर्ट ऑर्डर्स में भी गिरावट आई है।
हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में होने वाला एक्सपेंशन मई में लगातार पांचवे माह हुआ है। सर्वे में कहा कि मई के दौरान नए ऑर्डर्स और प्रोडक्शन दोनों में कमी आई है। मिलने वाले नए काम फरवरी के बाद के लेवल से कमजोर है। कंज्यूमर कैटगरी सुस्त रही है जबकि कैपिटल गुड्स प्रोडक्युर्स के ऑर्डर बुक्स में रिकॉर्ड कमी आई है।
न्यूट्रल रहेगी आर.बी.आई. की पॉलिसी
उन्होंने कहा कि महंगाई नियंत्रण में है और मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ कम है। ऐसे में हमें लगता है कि आर.बी.आई. अपनी मॉनेटरी पॉलिसरी को न्यूट्रल रखेगी ताकि इकोनॉमी को सपोर्ट मिल सके। रिजर्व बैंक ने 6 अप्रैल को हुई अपनी मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू में रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा था। लेकिन रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया था।