Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Sep, 2023 04:03 PM
सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुदरा कीमतों को काबू में रखने के लिए खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत पिछले सप्ताह 11वीं ई-नीलामी के जरिए केंद्रीय पूल से 1.66 लाख टन गेहूं और 17,000 टन चावल बेचा है। सरकार ने पिछले महीने...
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुदरा कीमतों को काबू में रखने के लिए खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत पिछले सप्ताह 11वीं ई-नीलामी के जरिए केंद्रीय पूल से 1.66 लाख टन गेहूं और 17,000 टन चावल बेचा है। सरकार ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह अनाज की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्रीय पूल से अतिरिक्त 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल को थोक खरीदार के लिए खुले बाजार में बेचेगी।
खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि छह सितंबर को आयोजित 11वीं ई-नीलामी में देशभर से 500 डिपो से कुल दो लाख टन गेहूं और 337 डिपो से 4.89 लाख टन चावल की पेशकश की गई थी। बयान के अनुसार, ‘‘ ई-नीलामी में 1.66 लाख टन गेहूं और 0.17 लाख टन चावल की बिक्री हुई।'' देशभर में उचित एवं औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) वाले गेहूं के लिए आरक्षित मूल्य 2,150 रुपए प्रति क्विंटल के मुकाबले भारांश औसत बिक्री मूल्य 2,169.65 रुपए प्रति क्विंटल रहा, जबकि मानदंडों में कुछ छूट (यूआरएस) वाले गेहूं का भारांश औसत बिक्री मूल्य 2,125 रुपए प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य के मुकाबले 2,150.86 रुपए प्रति क्विंटल रहा।
चावल के लिए भारांश औसत बिक्री मूल्य 2,956.19 रुपए प्रति क्विंटल था, जबकि पूरे भारत में आरक्षित मूल्य 2,952.27 रुपए प्रति क्विंटल था। मंत्रालय ने कहा कि खुदरा कीमतों में कम करने के वास्ते छोटे खुदरा विक्रेताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए एफसीआई एक खरीदार को अधिकतम 100 टन गेहूं और 1,000 टन चावल की पेशकश कर रहा है। यह निर्णय छोटे तथा सीमांत अंतिम उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था कि अधिक प्रतिभागी आगे आ सकें और अपनी पसंद के डिपो से मात्रा के लिए बोली लगा सकें।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार खुला बाजार बिक्री योजना और गेहूं निर्यात पर पाबंदी समेत सरकार के अन्य उपायों से 10 सितंबर की स्थिति के अनुसार गेहूं का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 30 रुपए प्रति किलो पर स्थिर बना हुआ है। जबकि गेहूं आटा 35.62 रुपए प्रति किलो पर बना हुआ है। एक साल पहले इसी अवधि में गेहूं 30.39 रुपए प्रति किलो जबकि आटा 35.72 रुपए किलो था। हालांकि चावल की कुछ किस्मों के निर्यात पर पाबंदी समेत अन्य उपायों के बावजूद चावल की कीमत अभी भी ऊंची बनी हुई है। 10 सितंबर की स्थिति के अनुसार अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 42.26 रुपए प्रति किलो रही जो एक साल पहले इस दौरान 37.44 रुपए प्रति किलो थी।