आंकड़ों से खुलासा, रोजगार के लिए खाड़ी जाने वालें भारतीयों की संख्या घटी

Edited By Isha,Updated: 13 Jan, 2019 10:14 AM

figures disclosed the numbers of indians going to be billed for employment

रोजगार के लिए खाड़ी देशों का रुख करने वाले भारतीयों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। 2017 की तुलना में 30 नवम्बर 2018 तक के 11 महीनों में खाड़ी जाने के लिए इमीग्रेशन क्लीयरैंस में 21 प्रतिशत की कमी आई है और यह आंकड़ा 2.95 लाख रहा। पिछले 5 साल

मुम्बई : रोजगार के लिए खाड़ी देशों का रुख करने वाले भारतीयों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। 2017 की तुलना में 30 नवम्बर 2018 तक के 11 महीनों में खाड़ी जाने के लिए इमीग्रेशन क्लीयरैंस में 21 प्रतिशत की कमी आई है और यह आंकड़ा 2.95 लाख रहा। पिछले 5 साल में सर्वाधिक 7.76 लाख लोग 2014 में खाड़ी देशों में गए और इसकी तुलना 2018 के आंकड़ों से करें तो 62 प्रतिशत की गिरावट आई है। ये आंकड़े ‘ई-माइग्रेट इमीग्रेशन क्लीयरैंस डाटा’ से लिए गए हैं, जो ई.सी.आर. पासपोर्ट रखने वाले कामगारों को मिलने वाले इमीग्रेशन क्लीयरैंस को दर्ज करता है।

2018 में सर्वाधिक गिरावट 1.03 लाख यानी 35 प्रतिशत कामगार यू.ए.ई. गए। इसके बाद 65,000 लोग सऊदी अरब जबकि 52,000 लोग कुवैत गए। 2017 में ही सऊदी अरब से भारतीय कामगारों के लिए सर्वाधिक प्रिय गंतव्य का तमगा छिन चुका था। सऊदी अरब की संशोधित निताकत (सऊदीकरण) योजना ने भारतीय सहित विदेशी कामगारों की राह में मुश्किलें पैदा कीं। नई योजना के तहत सऊदी अरब की कुछ कम्पनियां ही विदेशी कर्मचारियों को अपने यहां नौकरी पर रखने के लिए नए ब्लॉक वीजा का आवेदन कर सकती हैं।

कतर जाने वालों की संख्या बढ़ी
2014 में करीब 3.30 लाख कामगार सऊदी अरब गए थे, लेकिन 5 साल में इनकी संख्या में 80 प्रतिशत की कमी आई है। खाड़ी क्षेत्र में कतर ही एकमात्र देश है जहां पिछले सालों की तुलना में अधिक भारतीय रोजगार के लिए गए हैं। 2017 के 25,000 कामगारों की तुलना में 2018 में 31 प्रतिशत वृद्धि के साथ 32,500 लोगों को क्लीयरैंस मिला।

क्या कहना है सरकार का
पिछले साल दिसम्बर में विदेश मंत्रालय द्वारा लोकसभा में दाखिल जवाब में कहा गया कि खाड़ी जाने वालों की संख्या में गिरावट की कई वजहें हैं। इसमें कहा गया कि तेल की कीमतों में कमी की वजह से खाड़ी देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं और पब्लिक एवं प्राइवेट सैक्टर में अधिकतर स्थानों पर अपने नागरिकों को नौकरी दे रहे हैं। हालांकि ई.सी.आर. पासपोर्ट रखने वाले बहुत से भारतीय कथित तौर पर टूरिस्ट वीजा के सहारे खाड़ी देशों में जाकर बाद में वर्क वीजा हासिल कर लेते हैं। नॉन-ई.सी.आर. पासपोर्ट होल्डर्स भी ई -माइग्रेट इमीग्रेशन क्लीयरैंस डाटा में शामिल नहीं हैं।

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