बजट अनुमान से ऊपर निकला राजकोषीय घाटा, सरकार की बढ़ेंगी मुश्किलें

Edited By Yaspal,Updated: 31 Aug, 2020 08:41 PM

fiscal deficit above budget estimate government s problems will increase

केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा लॉकडाउन के कारण कमजोर राजस्व संग्रह के चलते वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल- जुलाई) में ही पूरे साल के बजट अनुमान को पार कर गया है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में...

नई दिल्लीः केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा लॉकडाउन के कारण कमजोर राजस्व संग्रह के चलते वित्त वर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल- जुलाई) में ही पूरे साल के बजट अनुमान को पार कर गया है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई के दौरान राजकोषीय घाटा इसके वार्षिक अनुमान की तुलना में 103.1 प्रतिशत यानी 8,21,349 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। एक साल पहले इन्हीं चार माह की अवधि में यह वार्षिक बजट अनुमान का 77.8 प्रतिशत रहा था। सरकार का राजकोषीय घाटा उसके कुल खर्च और राजस्व के बीच का अंतर होता है। पिछले साल अक्ट्रबर में यह वार्षिक लक्ष्य से ऊपर निकल गया था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश वित्त वर्ष 2020- 21 के बजट में राजकोषीय घाटे के 7.96 लाख करोड़ रुपए यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। कोरोना वायरस महामारी के फैलने से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए इन आंकड़ों को संशोधित करना पड़ा। कोराना वायरस की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियों में काफी व्यवधान खड़ा हुआ। केन्द्र सरकार ने 25 मार्च 2020 से पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया था ताकि कोविड- 19 के प्रसार पर अंकुश लगाया जा सके। इसके बाद मई से धीरे धीरे लॉकडाउन में ढील दी जान लगी। पिछले वित्त वर्ष 2019- 20 में राजकोषीय घाटा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले सात साल के उच्चस्तर 4.6 प्रतिशत पर पहुंच गया।

वर्ष के दौरान राजस्व प्राप्ति कमजोर रही जो कि मार्च आते आते और कमजोर पड़ गई। महा लेखा नियंत्रक के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार माह के दौरान सरकार की राजस्व प्राप्ति 2,27,402 करोड़ रुपए रही। यह राशि वर्ष के बजट के वार्षिक लक्ष्य का 11.3 प्रतिशत है। पिछले साल इसी अवधि में कुल राजस्व प्राप्ति बजट अनुमान का 19.5 प्रतिशत रही थी। अप्रैल से जुलाई के दौरान कर राजस्व 2,02,788 करोड़ रुपए यानी बजट अनुमान का 12.4 प्रतिशत रहा जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह बजट अनुमान का 20.5 प्रतिशत रहा था।

आलोच्य अवधि में सरकार की कुल प्राप्ति 2,32,860 करोड़ रुपए रही जो कि बजट अनुमान का 10.4 प्रतिशत रही। सरकार ने बजट में वित्त वर्ष 2020- 21 के दौरान कुल 22.45 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति का अनुमान लगाया है। वहीं जुलाई अत तक सरकार का कुल व्यय 10,54,209 करोड़ रुपए यानी बजट में पूरे वित्त वर्ष के दौरान होने वाले खर्च का 34.7 प्रतिशत तक पहुंच गया। हालांकि इससे पिछले वर्ष इसी अवश्धि में कुल व्यय पूरे साल के बजट अनुमान का 34 प्रतिशत था।

 

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