कोरोना वायरस असर से अर्थव्यवस्था की मदद के लिए राजकोषीय, मौद्रिक पहल की जरूरत: SBI रिसर्च

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Mar, 2020 06:50 PM

fiscal monetary initiatives needed to help the economy with the corona

कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पादन में अंतर और कीमतों में वृद्धि की दोहरी समस्या से अर्थव्यवस्था की मदद के लिए राजकोषीय के साथ-साथ मौद्रिक उपायों की जरूरत होगी। एसबीआई रिसर्च के अर्थशास्त्रियों ने यह कहा है। उन्होंने रिजर्व बैंक से सर्वाधिक...

मुंबईः कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पादन में अंतर और कीमतों में वृद्धि की दोहरी समस्या से अर्थव्यवस्था की मदद के लिए राजकोषीय के साथ-साथ मौद्रिक उपायों की जरूरत होगी। एसबीआई रिसर्च के अर्थशास्त्रियों ने यह कहा है। उन्होंने रिजर्व बैंक से सर्वाधिक प्रभावित होटल, विमानन, परिवहन, धातु, वाहनों के कल-पुर्जे तथा परिधान क्षेत्रों को राहत देने के लिए सहानुभूतिपूर्वक उपायों पर विचार करने को कहा। 

देश में कोरोना वायरस के कारण अबतक तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 125 से अधिक संक्रमित हैं। इसके कारण देश भर में सतर्कता और कामकाज बंद होने से यात्रा, परिवहन और होटल उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इस प्रकार की बंद की स्थिति दूसरे शहरों में भी होने तथा सामाजिक दूरी बनाए रखने के उपायों से स्थिति और बिगड़ सकती है। एसबीआई रिसर्च की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार परिवहन, पर्यटन और होटल में कामकाज लगभग ठप होने से मांग पर असर पड़ा है। इससे मांग के साथ उत्पादन प्रभावित होता है। 

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘सकल आघार पर हमारा अनुमान है कि इन तीन बाजार खंडों में 5 प्रतिशत कामकाज ठप होने के साथ भंडारण और संचार खंड के साथ इसका जीडीपी पर 0.9 प्रतिशत का असर पड़ेगा। इसका प्रभाव वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 में पड़ेगा। इसमें 2020-21 में प्रभाव अधिक व्यापक होगा। वर्ष 2018 में देश में 1.06 करोड़ सैलानी आये थे। यह संख्या 2017 के मुकाबले 5.2 प्रतिशत अधिक थी। इससे पर्यटन से 28.6 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा कमाई हुई। यह 2017 के मुकाबले 4.7 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार प्रस्तावित एक महीने की यात्रा पाबंदी से विदेशी सैलानिययों और कमाई पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। 

इसके कहा गया है, ‘‘उक्त आंकड़ों के आधार पर हमारा अनुमान है कि देश को 2020 में 20 से 30 लाख सैलानियों का नुकसान होगा। इससे विदेशी मुद्रा में कमाई 5 से 7 अरब डॉलर का नुकसान होगा। हमारा अनुमान है कि घरेलू ट्रेन और हवाई यातायात भी इससे प्रभावित होंगे।'' यात्रा के लिये औसतन 2.5 करोड़ लोग हवाई जहाज और 30 करोड़ ट्रेन का उपयोग करते हैं। इसमें 10 प्रतिशत की कमी से मासिक आधार पर आय में 3,500 करोड़ रुपये की कमी आएगी। चूंकि चीन कई क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल का प्रमुख स्रोत है, ऐसे में आपूर्ति बाधित होने से इसका मूल्य बढ़ेगा। इससे संबंधित जिंसों के दाम पर असर पड़ेगा और वह बढ़ेगा। रिपोर्ट में आगाह करते हुए कहा कि मांग और आपूर्ति के एक साथ प्रभावित होने से बैंक क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। केवल मांग प्रभाव से बैंक और बीमा क्षेत्र में संयुक्त रूप से उत्पादन में 1.2 प्रतिशत का नुकसान होगा। एसबीआई अर्थशास्त्रियों के अनुसार इसीलिए, ‘‘हमारा मानना है कि मौद्रिक और राजकोषीय नीतियां बेहतर विकल्प हो सकती हैं।'' 

 

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