Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Mar, 2024 11:45 AM
भारतीय शेयर मार्केट में विदेशी निवेशक जितने पैसे लगाते हैं, उससे ज्यादा निकाल लेते हैं। फिर भी बाजार में रौनक है। वजह हैं घरेलू निवेशक। 2023 में विदेशी निवेशकों ने रोज औसतन 45 करोड़ रुपए निकाले लेकिन घरेलू निवेशकों ने करीब नौ गुना ज्यादा (₹397...
बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर मार्केट में विदेशी निवेशक जितने पैसे लगाते हैं, उससे ज्यादा निकाल लेते हैं। फिर भी बाजार में रौनक है। वजह हैं घरेलू निवेशक। 2023 में विदेशी निवेशकों ने रोज औसतन 45 करोड़ रुपए निकाले लेकिन घरेलू निवेशकों ने करीब नौ गुना ज्यादा (₹397 करोड़) पैसे डाले। 2018 में विदेशी निवेशक रोज औसतन 201 करोड़ रुपए निकाल रहे थे और हम 300 करोड़ रुपए निवेश रहे थे। पांच सालों में विदेशी निवेशकों ने कुल 3.5 लाख करोड़ रुपए शेयर बाजार से निकाले और इसी दौरान घरेलू निवेशकों ने 6.7 लाख करोड़ रुपए निवेश किए।
एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर 23 में 15.96 फीसदी तक बढ़ गई, जो दिसंबर 18 में 13.77 फीसदी थी। इसी दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी 19.66 फीसदी से घटकर 18.19 फीसदी पर आ गई।
FPI ने मार्च में शेयर बाजार में किया निवेश
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने (मार्च में) अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 6,139 करोड़ रुपए डाले हैं। मजबूत आर्थिक वृद्धि, बाजार की मजबूती तथा अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट के चलते एफपीआई के बीच भारतीय शेयरों का आकर्षण बना हुआ है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले फरवरी में उन्होंने शेयरों में 1,539 करोड़ रुपए डाले थे। वहीं जनवरी में उन्होंने 25,743 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे।