Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Sep, 2019 11:03 AM
निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने अपने ग्राहकों को जोर का झटका दिया है। बैंक के ''जीरो बैलेंस'' खाताधारकों को 16 अक्टूबर से शाखा से हर कैश विदड्रॉल के लिए 100 रुपए से 125 रुपए का शुल्क देना होगा। अगर ग्राहक बैंक की शाखा में मशीन के जरिए पैसे जमा...
चेन्नईः निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने अपने ग्राहकों को जोर का झटका दिया है। बैंक के 'जीरो बैलेंस' खाताधारकों को 16 अक्टूबर से शाखा से हर कैश विदड्रॉल के लिए 100 रुपए से 125 रुपए का शुल्क देना होगा। अगर ग्राहक बैंक की शाखा में मशीन के जरिए पैसे जमा करते हैं तो इसके लिए भी उन्हें शुल्क अदा करना होगा।
डिजिटल लेनदेन शुल्क मुक्त
आईसीआईसीआई बैंक ने शुक्रवार रात अपने अकाउंट होल्डर्स को जारी एक नोटिस में कहा, 'हम अपने ग्राहकों को बैंकिंग ट्रांजैक्शंस डिजिटल मोड में करने के लिए उत्साहित करते हैं, जिससे डिजिटल इंडिया इनिशिएटिव को बढ़ावा मिले।' बता दें कि बैंक ने मोबाइल बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए होने वाले एनईएफटी, आरटीजीएस तथा यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर लगने वाले तमाम तरह के शुल्क को खत्म कर दिया है।
NEFT और RTGS पर भी भारी शुल्क
आईसीआईसीआई बैंक की शाखाओं से 10,000 रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक के एनईएफटी ट्रांजैक्शन पर 2.25 रुपए से लेकर 24.75 रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ता है। वहीं, शाखाओं से दो लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक किए जाने वाले आरटीजीएस ट्रांजैक्शन के लिए 20 रुपए से लेकर 45 रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) का चार्ज देना पड़ता है।
अकाउंट बंद करने की सलाह
बैंक ने अपने 'जीरो बैलेंस' अकाउंट होल्डर्स से अनुरोध किया है कि वे अपने अकाउंट को या तो किसी अन्य बेसिक सेविंग्स अकाउंट में बदल लें या अकाउंट बंद कर दें।