Edited By ,Updated: 03 Dec, 2015 12:39 PM
कुछ विदेशी चीजें जैसे वाइट ड्रैगन, आइसबर्ग, रोमन-कॉज, रैम्बो दान का नाम सुनकर आपको इन्हें खाने का ख्याल शायद ही अाए। हालांकि जल्द ये चीजें अापके किचन और थाली में नजर आ सकती है....
कुछ विदेशी चीजें जैसे वाइट ड्रैगन, आइसबर्ग, रोमन-कॉज, रैम्बो दान का नाम सुनकर आपको इन्हें खाने का ख्याल शायद ही अाए। हालांकि जल्द ये चीजें अापके किचन और थाली में नजर आ सकती है। दिल्ली सरकार के एेगि्कल्चर मार्केटिंग डायरेक्टरेट ने फल-सब्जियों की 26 विदेशी और हाइब्रिड किस्मों को एपीएमसी रुल्स के तहत दिल्ली की मंडियों में बेचने की मंजूरी दे दी है।
इनमे से कुछ फल तो अपको जाने-पहचाने लगेंगे, लेकिन रंगरुप में वे पारंपरिक फलों से अलग हैं। इनमें से ज्यादातर फल-सब्जियां दिल्ली में छिटपुट जगहों पर वर्षों से बिक रही थीं और मंडियों में बढ़ती डिमांड के चलते आधिकारिक तौर पर इनकी खरीद-बिकी् को मंजूरी दी गई है। मंडी प्रशासन से जुड़े स्पेशल सेक्रटरी (डिवेलपमेंट) वी. पी. राव के मुताबिक, नई लिस्ट में 6 फल और 20 सब्जियों की फेहरिस्त में अवाकाडो, बेबीकाॉन, फेनलरुट, लेमन ग्रास, हरीकोट बीन्स, आइसबर्ग, रोमन काॉज, स्वीट साग,टोरा आदि शामिल हैं।
एपीएमसी आजादपुर के एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से कुछ सब्जियां मंडियों में पहल से बिकती रही हैं, लेकिन वे अभी तक एपीएमसी के तहत दर्ज सब्जियों में नहीं थीं। लाल और पीले रंग की अाधुनिक शिमला र्मिच और ब्रोकली भी इनमें शामिल हैं। मलेशियाई फल मैंगोस्टीन और थाईलैंड में लोकप्रिय लेमनग्रास भी अब मंडियों में दिखने लगा है। मड़ी में वाॉल्यूम बढ़ने से रिटेल बाजारों में इनकी सप्लाई बढ़ेगी।