Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Aug, 2019 04:18 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती करने के बाद देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों को तोहफा दिया है। एसबीआई ने सभी अवधि के कर्ज पर ब्याज दर 0.15 प्रतिशत घटाई है। एसबीआई ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में कटौती करने के बाद देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों को तोहफा दिया है। एसबीआई ने सभी अवधि के कर्ज पर ब्याज दर 0.15 प्रतिशत घटाई है। एसबीआई ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.15 फीसदी की कटौती की है। MCLR की नई दरें 10 अगस्त यानी शनिवार से लागू होंगी। इस प्रकार अब एसबीआई का एमसीएलआर 8.40 फीसदी से घटकर 8.25 फीसदी हो जाएगा।
SBI ने चौथी बार MCLR में की कटौती
होमलोन की ब्याज दर पर एसबीआई एमसीएलआर पर 10 आधार अंक का अपना मार्जिन रखता है। चालू वित्त वर्ष 2019-10 में एसबीआई की तरफ से चौथी बार एमसीएलआर में कटौती की गई है। इस साल 10 अप्रैल से लेकर अब तक एमसीएलआर में 35 आधार अंक की कटौती की गई है।
RBI के रेपो रेट में कटौती के बाद आया फैसला
एसबीआई का यह फैसला बुधवार को आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में 35 आधार अंक की कटौती के बाद आया है। आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि एसबीआई पहले भी रेपो रेट में कमी के बाद अपनी ब्याज दरों में कमी करता रहा है। हालांकि अन्य बैंक आरबीआई की रेट में कटौती के बाद भी ग्राहकों को इसका फायदा नहीं दे रहे हैं।
RBI की मौद्रिक नीति समिति ने बुधवार को लिए अहम फैसले
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बुधवार को संपन्न तीन दिवसीय तीसरी द्विमासिक सीमक्षा बैठक में नीतिगत दरों में 35 आधार अंकों की कटौती की गई। समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की मुख्य बातें इस प्रकार हैं :-
- रेपाे दर 5.75 प्रतिशत से घटाकर 5.40 प्रतिशत
- रिवर्स रेपाे दर 5.50 प्रतिशत से घटाकर 5.15 प्रतिशत
- बैंक दर 6.0 प्रतिशत से घटाकर 5.65 प्रतिशत
- मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी (एमएसएफ) 6.0 प्रतिशत से घटाकर 5.65 प्रतिशत
- नकद आरक्षित अनुपात चार प्रतिशत पर यथावत
- वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) 19.25 प्रतिशत
- चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान को सात प्रतिशत से कम कर 6.9 प्रतिशत किया
- चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई अनुमान 3.1 प्रतिशत पर यथावत, दूसरी छमाही में इसके 3.5 प्रतिशत से 3.7 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद जताई गई है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में खुदरा मंगाई 3.36 प्रतिशत रहने का अनुमान
- चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक बैठक 01, 03 और 04 अक्टूबर को