चीन को छोड़ भारत पर ध्यान दे रहीं वैश्विक खिलौना कंपनियां, निर्यात 239% बढ़ा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Mar, 2024 11:57 AM

global toy companies are focusing on india instead of china

खिलौने बनाने वाली भारत की बड़ी कंपनियां चीन छोड़कर भारत में शिफ्ट हो रही हैं। 2015 से 2023 के बीच देश की खिलौना इंडस्ट्री के बीच जबरदस्त तेजी आई है। उसके निर्यात में 239 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई तथा आयात में 52 प्रतिशत तक की गिरावट आई। इसके...

बिजनेस डेस्कः खिलौने बनाने वाली भारत की बड़ी कंपनियां चीन छोड़कर भारत में शिफ्ट हो रही हैं। 2015 से 2023 के बीच देश की खिलौना इंडस्ट्री के बीच जबरदस्त तेजी आई है। उसके निर्यात में 239 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई तथा आयात में 52 प्रतिशत तक की गिरावट आई। इसके परिणामस्वरूप देश शुद्ध निर्यातक बन गया। 

भारत की चीन पर 80% निर्भरता थी

भारत में खिलौनों की बिक्री के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की मंजूरी जरूरी होना, संरक्षणवाद, चीन-प्लस-वन रणनीति और मूल सीमा शुल्क बढ़ाकर 70 प्रतिशत किए जाने से भारत के खिलौना उद्योग में तेजी आई है। उद्योग के भागीदारों के अनुसार हालांकि हैस्ब्रो, मैटल, स्पिन मास्टर और अर्ली लर्निंग सेंटर जैसे वैश्विक ब्रांड आपूर्ति के लिए देश पर अधिक निर्भर हैं लेकिन इटली की दिग्गज कंपनी ड्रीम प्लास्ट, माइक्रोप्लास्ट और इंकास जैसी प्रमुख विनिर्माता अपना ध्यान धीरे-धीरे चीन से भारत पर केंद्रित कर रहीं हैं। बीआईएस के नियमन से पहले खिलौनों के लिए भारत की चीन पर 80 प्रतिशत निर्भरता थी, जो अब कम हो गई है।

टायर निर्माता एमआरएफ के स्वामित्व वाली चेन्नई की फंसकूल के मुख्य कार्याधिकारी आर जसवंत ने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि चीनी क्षमता को BIS द्वारा स्वीकृत किया गया है। आयात पर घरेलू भारतीय उत्पादों का दबदबा है। 10 साल पहले, भारत से मुश्किल से ही किसी तरह की खरीदारी होती थी। आज कई कंपनियों ने भारत में अपना आधार तैयार किया है।’

कंपनी हैसब्रो, स्पिन मास्टर, अर्ली लर्निंग सेंटर, फ्लेयर और ड्रूमोंड पार्क गेम्स जैसी अंतरराष्ट्रीय खिलौना कंपनियों को भी आपूर्ति करती है। कंपनी द्वारा उत्पादित करीब 60 प्रतिशत उत्पाद अब निर्यात बाजारों की जरूरतें पूरी कर रहे हैं, जिनमें अमेरिका में जीसीसी, यूरोप के 33 देश शामिल हैं। जसवंत ने कहा कि BIS जैसे सरकारी नीतिगत समर्थन के साथ यह निर्यात जल्द ही 40 से ज्यादा देशों को किया जाएगा।

वितरक, आयातक एवं निर्यातक आरपी एसोसिएट्स के मालिक पवन गुप्ता ने कहा, ‘भारतीय उत्पादन बढ़ा है और बड़ी तादाद में लोगों ने दिल्ली में अपना आधार बनाया है। चीन से खरीदारी करने वाले कई खरीदार अब अन्य देशों की ओर रुख कर रहे हैं तथा भारत इनमें से एक है। इस सूची में माइक्रोप्लास्ट, ड्रीम प्लास्ट और इन्कास जैसी कई बड़ी कंपनियां शुमार हैं।’

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!