Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Nov, 2023 03:15 PM
अर्थव्यवस्था के मामले में दिवाली के त्योहार से चंद दिनों पहले एक अच्छी खबर आई है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को बढ़ा दिया है। एजेंसी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। एजेंसी का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था मध्यम अवधि...
बिजनेस डेस्कः अर्थव्यवस्था के मामले में दिवाली के त्योहार से चंद दिनों पहले एक अच्छी खबर आई है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को बढ़ा दिया है। एजेंसी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। एजेंसी का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था मध्यम अवधि में 6.2 फीसदी की दर से वृद्धि कर सकती है।
रेटिंग एजेंसी फिच ने इससे पहले के अनुमान में कहा था कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.5 फीसदी रह सकती है। अब एजेंसी ने अपने अनुमान को बढ़ाकर 6.2 फीसदी कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि एजेंसी ने ग्रोथ रेट के अनुमान में एक झटके में 70 बेसिस पॉइंट यानी 0.70 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी की है। एजेंसी ने यह अनुमान ऐसे समय बढ़ाया है, जब चंद दिनों बाद देश में दिवाली का त्योहार मनने वाला है। इस बार दिवाली 12 नवंबर रविवार को है।
सबसे बेहतर भारत की संभावनाएं
फिच ने भारत के ग्रोथ रेट के अनुमान को बढ़ाते हुए ये भी कहा कि आने वाले समय में भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं सबसे बेहतर हैं। बकौल रेटिंग एजेंसी, आने वाले दिनों में टॉप-10 उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत की आर्थिक वृद्धि दर सबसे ज्यादा रहने वाली है। एजेंसी ने ग्रोथ रेट के अनुमान में बढ़ोतरी का कारण रोजगार के मामले में स्थिति में सुधार को बताया है।
भारत के पक्ष में ये बातें
फिच की मानें तो हालिया महीनों में भारत में रोजगार दर में सुधार हुआ है। वर्किंग एज पॉपुलेशन के फोरकास्ट में भी सुधार आया है। फिच के अनुसार, भारत की श्रम उत्पादकता का अनुमान भी अन्य देशों की तुलना में बेहतर है। हालांकि पार्टिसिपेशन रेट में निगेटिव ग्रोथ की आशंका है। इसके चलते लेबर सप्लाई की ग्रोथ रेट में 2019 की तुलना में कमी आ सकती है।
ऐसा है बाकी देशों का हाल
फिच ने भारत के अलावा कुछ अन्य देशों के लिए भी ग्रोथ रेट के अनुमान में सुधार किया है। उन देशों में ब्राजील, मैक्सिको, इंडोनेशिया, पोलैंड और तुर्की शामिल हैं। दूसरी ओर चीन और रूस जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लिए फिच ने ग्रोथ रेट के अनुमान को कम किया है। चीन के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान को 5.3 फीसदी से घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया गया है, जबकि रूस के लिए अनुमान को 1.6 फीसदी से घटाकर 0.8 फीसदी कर दिया गया है।