Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Jul, 2020 01:55 PM
वित्त मंत्रालय ने बताया कि गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) को लिक्विडिटी सपोर्ट देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना का पुर्नोत्थान किया गया था। इसमें एनबीएफसी द्वारा जारी एए व इससे निचली रेटिंग वाले
नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय ने बताया कि गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) को लिक्विडिटी सपोर्ट देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना का पुर्नोत्थान किया गया था। इसमें एनबीएफसी द्वारा जारी एए व इससे निचली रेटिंग वाले बॉन्ड की सरकारी बैंकों द्वारा खरीदारी के लिए उन्हें 20 फीसदी पोर्टफोलियो गारंटी प्रदान करना शामिल था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा कि 10 जुलाई 2020 तक सरकारी बैंकों ने बढ़ी हुई आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना (PCGS) के तहत 67 एनबीएफसी द्वारा जारी 14,667 करोड़ रुपए के बॉन्ड्स और वाणिज्यिक पत्रों को खरीदने की योजना को अनुमति दी है। 14,667 करोड़ रुपए में से 6,845 करोड़ रुपए एए से नीचे की रेटिंग वाले बॉन्ड्स और वाणिज्यिक पत्रों के लिए है। ये कम रेटिंग वाले बॉन्ड्स के साथ एनबीएफसी को लिक्विडिटी सपोर्ट प्रदान करेंगे।
वित्त मंत्री ने दिया ब्यौरा
वित्त मंत्री ने एनबीएफसी द्वारा जारी किए गए बॉन्ड्स व वाणिज्यिक पत्रों का क्षेत्रवार ब्यौरा दिया, जिसके अनुसार उत्तरी क्षेत्र में 12 एनबीएफसी के 3,060 करोड़ रुपए के बॉन्ड्स व वाणिज्यिक पत्र, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में तीन एनबीएफसी के 1,357 करोड़ के बॉन्ड व वाणिज्यिक पत्र, पश्चिमी क्षेत्र में 29 एनबीएफसी के 4,540 करोड़ रुपए के बॉन्ड्स और वाणिज्यिक पत्र और दक्षिणी क्षेत्र में 23 एनबीएफसी के 5,710 करोड़ रुपए के बॉन्ड व वाणिज्यिक पत्र शामिल हैं।