पेट्रोलियम सार्वजनिक उपक्रमों में 100% FDI की अनुमति देने पर विचार कर रही है सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Jun, 2021 04:26 PM

government is considering allowing 100 fdi in petroleum psus

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों में स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के प्रस्ताव पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के लिए कैबिनेट नोट का मसौदा जारी किया है।

बिजनेस डेस्कः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने तेल एवं गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों में स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के प्रस्ताव पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के लिए कैबिनेट नोट का मसौदा जारी किया है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि जिन सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश के लिए सैद्धान्तिक मंजूरी मिल चुकी है, उनके लिए यह मसौदा जारी किया गया है। यदि इस कदम को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली जाती है, तो इससे देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल 

रिफाइनरी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा। सरकार बीपीसीएल का निजीकरण करने जा रही है। इसके तहत सरकार कंपनी में अपनी समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। सूत्रों ने बताया कि नोट के मसौदे के अनुसार, एफडीआई नीति में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस क्षेत्र के तहत एक नया प्रावधान जोड़ा जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार, जिन पीएसूय के विनिवेश के लिए सरकार की ओर से सैद्धान्तिक मंजूरी दी जा चुकी है उनमें स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति दी जाएगी। 

बीपीसीएल के निजीकरण के लिए खनन से तेल क्षेत्र में कार्यरत वेदांता ने सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए रुचि पत्र (ईओआई) दिया है। अन्य दो बोलीदाता वैश्विक कोष हैं। इनमें से एक अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट है। अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय इस प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी लेगा। अभी पेट्रोलियम रिफाइनिंग क्षेत्र में स्वत: मंजूर मार्ग से 49 प्रतिशत एफडीआई की ही अनुमति है। 

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