ग्रैच्युटी का नियम बदलने की तैयारी में सरकार, 5 साल से कम की नौकरी पर भी मिलेगा फायदा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Aug, 2020 05:53 PM

government is ready to change the rule of gratuity

किसी एक नौकरी में 5 साल या उससे ज्यादा वक्त तक टिकने पर ही फिलहाल ग्रैच्युटी का फायदा कर्मचारियों को मिलता है। ऐसे में तीन या फिर 4 साल तक नौकरी करने के बाद भी लोग ग्रैच्युटी से वंचित रह जाते हैं लेकिन अब सरकार नियम में बदलाव की तैयारी कर रही है और...

बिजनेस डेस्कः किसी एक नौकरी में 5 साल या उससे ज्यादा वक्त तक टिकने पर ही फिलहाल ग्रैच्युटी का फायदा कर्मचारियों को मिलता है। ऐसे में तीन या फिर 4 साल तक नौकरी करने के बाद भी लोग ग्रैच्युटी से वंचित रह जाते हैं लेकिन अब सरकार नियम में बदलाव की तैयारी कर रही है और कम वक्त की नौकरी पर भी ग्रैच्युटी दी जा सकती है। 

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक नौकरी में असुरक्षा एवं अन्य कारणों के चलते लोग तेजी से नौकरी बदल रहे हैं। ऐसे में ग्रैच्युटी के लिए 5 साल का नियम व्यवहारिक नहीं कहा जा सकता। Mint ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा कि लंबे समय से ग्रैच्युटी की टाइम लिमिट को कम करने की मांग की जा रही है। सरकार फिलहाल इस पर विचार कर रही है और समय में कमी की जा सकती है।

सूत्रों को मुताबिक श्रम मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने भी ग्रैच्युटी की टाइम लिमिट को कम करने का सुझाव दिया है। नए तैयार हो रहे सोशल सिक्योरिटी कोड में इसे शामिल किया जा सकता है। लेबर मार्केट के जानकारों का कहना है कि ग्रैच्युटी के लिए 5 साल की सीमा बहुत ज्यादा है और इससे कर्मचारियों के हितों को पूरा नहीं किया जा सकता।

दरअसल ग्रैच्युटी के लिए 5 साल की लिमिट इसलिए तय की गई थी कि लॉन्ग टर्म वर्क कल्चर को प्रमोट किया जा सके लेकिन अब मार्केट में विविधता आई है और असुरक्षा भी बढ़ी है। ऐसे में कर्मचारी अपनी ग्रोथ और भविष्य को देखते हुए 5 साल नहीं रुकते। इसलिए ग्रैच्युटी के लिए 5 साल की लिमिट तय होने से उन्हें कोई लाभ नहीं होता।

सूत्रों के मुताबिक स्टैंडिंग कमेटी ने ग्रैच्युटी की लिमिट एक से तीन साल तक करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा सेक्टर के हिसाब से यह सीमा अलग-अलग भी तय की जा सकती है। हालांकि श्रम मंत्रालय की ओर से इस संबंध में अब तक औपचारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। ग्रैच्युटी के तहत कर्मचारी जितने साल संस्थान में बिताता है, उतने वर्षों की 15 दिनों की सैलरी ग्रैच्युटी के तौर पर दी जाती है। मान लीजिए कि कोई कर्मचारी 7 साल बिताता है तो उसे 15×7 यानी 105 दिनों की सैलरी मिलेगी। इस तरह करीब साढ़े तीन महीने की सैलरी कर्मचारी को ग्रैच्युटी के तौर पर मिलेगी।
 

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