चावलों के निर्यात पर पाबंदी जारी रख सकती है सरकार! El Nino के असर से सरकार सतर्क

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Aug, 2023 06:23 PM

government may continue ban on export of rice

भारत सरकार कम से कम इस साल नवंबर तक गैर-बासमती सफेद चावलों के निर्यात पर पाबंदी जारी रख सकती है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सरकारी सूत्रों ने बताया, 'खरीफ फसलों पर अलनीनो के असर के डर से सरकार ये फैसला ले सकती है।' सरकारी सूत्रों ने बताया, 'इस...

बिजनेस डेस्कः भारत सरकार कम से कम इस साल नवंबर तक गैर-बासमती सफेद चावलों के निर्यात पर पाबंदी जारी रख सकती है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सरकारी सूत्रों ने बताया, 'खरीफ फसलों पर अलनीनो के असर के डर से सरकार ये फैसला ले सकती है।' सरकारी सूत्रों ने बताया, 'इस बात को लेकर पूर्वानुमान किए जा रहे हैं कि खरीफ फसलों पर El Nino का असर क्या होगा! सरकार इसे लेकर सचेत है। अगर El Nino का असर हो तो सरकार उसके लिए पहले से तैयार है।'

सरकार चावलों के निर्यात से पाबंदी हटाने पर तभी विचार करेगी जब खरीफ की बुआई का सीजन खत्म हो जाएगा। इससे सरकार यह अंदाजा लगा पाएगी कि इस साल चावलों की पैदावार कैसी रहेगी। सरकारी अधिकारी ने बताया, 'मानसून फसल की पैदावार को देखने के बाद ही सरकार पाबंदी हटाने का फैसला करेगी।'

जानिए क्या है चावल का रेट

7 अगस्त तक रिटेल मार्केट में चावल की कीमत पिछले एक साल में 10.63 फीसदी बढ़ चुकी है जबकि थोक मार्केट में इस दौरान चावल की कीमतों में 11.12 फीसदी का इजाफा हुआ है। 

सरकार ने 20 जुलाई को कुछ खास तरह के चावलों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। इसके साथ ही सरकार ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत कुछ जरूरी कमोडिटी की कीमतों में भी कमी लाएगी। सरकार ने अनाजों का रिजर्व प्राइस भी घटा दिया ताकि बोली में बेहतर रिस्पॉन्स मिल सकें।

Al Nino का खतरा बरकरार 

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने जून 2023 के अपने मंथली इकोनॉमिक रिपोर्ट में लिखा है कि अल नीनो की वजह से सप्लाई पर असर पड़ सकता है। अल नीनो हर 3-6 साल के बीच नजर आता है। इसमें समुद्र के ऊपर जरूरत से ज्यादा गरमी होती है जिसकी वजह से हवाओं का पैटर्न बदल जाता है। इसका असर दुनिया भर के तापमान पर होता है। अमेरिकी सरकार की नेशनल ओसनिक एंड ऑटमॉसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने पहले ही यह संकेत दिया था कि इस साल अल नीनो के हालात पैदा हो सकते हैं।

31 जुलाई को भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा था कि अगस्त में भारत में सामान्य से कम मानसून की बारिश हो सकती है। फिलहाल भूमध्य प्रशांत क्षेत्र में कमजोर अल नीनो की स्थिति बनी हुई है। ताजा मॉडल से संकेत मिल रहा है कि इन कंडीशंस से आगे हालात बिगड़ सकते हैं जो अगले साल तक जारी रहेंगे।
 

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