Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Oct, 2019 06:07 PM
सरकार पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक मामले से जुड़े घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखे हुए है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने भरोसा दिया है कि पीएमसी बैंक के ग्राहकों...
नई दिल्लीः सरकार पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक मामले से जुड़े घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखे हुए है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने भरोसा दिया है कि पीएमसी बैंक के ग्राहकों के हितों की रक्षा की जाएगी।
पीएमसी बैंक में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय बैंक ने इस बैंक के ग्राहकों के लिए नकद निकासी की सीमा तय करने के साथ ही बैंक पर कई तरह के अन्य प्रतिबंध लगा दिए। हाल ही में, रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को राहत देते हुए निकासी की सीमा को बढ़ाकर 25,000 रुपए कर दिया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "आरबीआई गवर्नर ने मुझे आश्वासन दिया है कि वह ग्राहकों के हित को ध्यान में रखेंगे और जल्द से जल्द उनकी दिक्कतें दूर करने का प्रयास किया जाएगा, मैंने आज दोपहर आरबीआई गवर्नर के साथ चर्चा की थी और मैं इसकी बारीकी से निगरानी कर रहा हूं।"
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जमा पर गारंटी की सीमा को एक लाख रुपए से बढ़ाने पर विचार कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो इसे संसद के माध्यम से किया जाएगा। डिपॉजिट इंश्योरेंस ए ण्ड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) बैंक खाते में जमा ग्राहक की रकम का अधिकतम एक लाख रुपए का बीमा करती है। इसमें मूलधन और ब्याज दोनों रकम शामिल है। किसी वजह से बैंक का कामकाज बंद होने की स्थिति में जमाकर्ता को बीमा कंपनी इस रकम का भुगतान करती है। सीतारमण ने कहा कि उन्होंने आरबीआई गवर्नर के साथ इस बात पर विचार-विमर्श किया कि क्या एक लाख रुपए की जमा गारंटी को तुरंत जारी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि, गवर्नर ने सूचित किया है कि बैंक बंद होने के बाद ही जमा गारंटी जारी की जा सकती है।