Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Mar, 2021 05:13 PM
बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर सरकार सख्त हो गई है। कंपनियों को अब क्रिप्टोकरेंसी में अपने लेनदेन का खुलासा करना होगा। सरकार ने पारदर्शिता को बेहतर करने के लिए कड़े खुलासा अनिवार्यताओं को लागू किया है। कॉरपोरेट मामलों के
बिजनेस डेस्कः बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर सरकार सख्त हो गई है। कंपनियों को अब क्रिप्टोकरेंसी में अपने लेनदेन का खुलासा करना होगा। सरकार ने पारदर्शिता को बेहतर करने के लिए कड़े खुलासा अनिवार्यताओं को लागू किया है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी कानून में ऑडिट, ऑडिटर और खातों से संबंधित विभिन्न नियमों में संशोधन किया है। कंपनी कानून-2013 की अनुसूची तीन में बदलाव के अलावा खुलासा अनिवार्यताओं को बढ़ाया गया है। इसमें क्रिप्टोकरेंसी में कंपनी के लेनदेन का ब्योरा भी शामिल है।
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कंपनी कानून का क्रियान्वयन करने वाले कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को इन बदलावों को अधिसूचित कर दिया। ये बदलाव 1 अप्रैल से प्रभावी होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि कंपनियां क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार करती हैं, तो इस मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए। यह जानकारी दी जानी चाहिए कि इस तरह की व्यापार गतिविधियों से कितना पैसा बनाया गया है।
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क्रिप्टोकरेंसी पर बैन
सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने पर काम कर रही है। इसकी ट्रेडिंग, माइनिंग, ट्रांसफर और होल्डिंग को कानूनन अपराध बनाया जा सकता है। सरकार ऐसे बिल पर काम कर रही है। यह जनवरी से सरकार के एजेंडे में है, जिसमें सरकार बिटकॉइन जैसी निजी आभासी मुद्राओं पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है, जबकि सरकार अपनी डिजिटल करेंसी लाएगी। बिल में क्रिप्टोकरंसीज धारकों को इसे लिक्विडेट करने के लिए छह महीने तक का समय मिलेगा, इसके बाद पेनल्टी लगाई जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है इस बिल को कानून बनाने में बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि सरकार के पास संसद में पूर्ण बहुमत है।
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