Edited By Supreet Kaur,Updated: 21 Sep, 2018 10:27 AM
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने एक नई योजना को मंजूरी दी है। योजना के तहत बीमित व्यक्तियों के बेरोजगार हो जाने पर नकद राहत देने का प्रावधान किया गया है। श्रम मंत्री संतोष गंगवार के मुताबिक अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत बीमित व्यक्ति की...
नई दिल्लीः कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने एक नई योजना को मंजूरी दी है। योजना के तहत बीमित व्यक्तियों के बेरोजगार हो जाने पर नकद राहत देने का प्रावधान किया गया है। श्रम मंत्री संतोष गंगवार के मुताबिक अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत बीमित व्यक्ति की नौकरी जाने की सूरत में जब तक वह नया रोजगार तलाश नहीं लेता तबतक ईएसआईसी सीधे सहायता राशि लाभार्थी के बैंक खाते में भेजता रहेगा।
आधार नंबर लिंक करने पर होगी अदायगी
बेरोजगारी के दौरान नकद सहयोग देने के साथ ही ईएसआईसी ने अन्य भी कई फैसले लिए हैं। एक फैसले के तहत ईएसआईसी के डेटाबेस को आधार नंबर से लिंक करने पर कंपनी को प्रति व्यक्ति 10 रुपए की अदायगी की जाएगी। ईएसआईसी ने अति विशेष उपचार (सुपर स्पेशियलिटी ट्रीटमेंट) के नियम भी पहले के मुकाबले आसान कर दिए हैं। पहले इसके लिए दो वर्ष तक रोजगार में होना आवश्यक था जो अब महज 6 महीने कर दिया गया है। वहीं योगादान की शर्त 78 दिनों की कर दी गई है।
बीमित पर निर्भर लोगों के उपचार नियम में भी परिवर्तन
बीमित व्यक्ति पर निर्भर पारिवारिक सदस्यों के अति विशेष उपचार से संबंधित योग्यता को भी पहले के मुकाबले आसान कर दिया गया है। इस सुविधा के लाभ के लिए अब केवल एक वर्ष तक ही रोजगार में रहने की अनिवार्यता तय की गई है। वहीं इसके लिए अब 156 दिनों का ही योगदान करना होगा। इसके अलावा ईएसआईसी ने बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद उनके अंतिम संस्कार के खर्च को बढ़ाकर 15 हजार रुपए किया गया है।
21 हजार रुपए तक की तनख्वाह वाले हो सकते हैं बीमित
सनद रहे कि 21 हजार रुपए तक की राशि तनख्वाह के तौर पर पाने वाला व्यक्ति कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत बीमित किए जाते हैं। बीमित व्यक्तियों को स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। इसके तहत उपचार चलने तक बीमित को नकद सहायता दी जाती है।
नई नौकरी मिलने तक मिलेगी आर्थिक सहायता
जानकारी के मुताबिक यह योजना कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम,1948 के तहत बीमाकृत व्यक्तियों (आईपी) को लाभान्वित करेगी। मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक देश में रोजगार के प्रारूप में लगातार तब्दीली हो रही है। यह लंबी अवधि के रोजगार के मुकाबले लघु अवधि का हो गया है। नतीजतन नौकरी से निकाले गए पंजीकृत कर्मचारियों को सरकार मदद करेगी।