Edited By Supreet Kaur,Updated: 30 May, 2018 04:46 PM
देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने यूरो क्षेत्र में जारी असमंजस की स्थिति के बावजूद वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 7.6 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताते हुए आज कहा कि इसके बल पर मार्च में...
नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने यूरो क्षेत्र में जारी असमंजस की स्थिति के बावजूद वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 7.6 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान जताते हुए आज कहा कि इसके बल पर मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 6.7 फीसदी पर पहुंच जाएगी।
बैंक के आर्थिक शोध विभाग द्वारा आज यहां जारी एसबीई ईकोरैप में यह अनुमान जताया गया है। हालांकि केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने चौथी तिमाही में विकास दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। उसने मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में विकास दर के 6.6 फीसदी पर रहने की संभावना पहले ही व्यक्त कर चुका है। इस रिपोर्ट में एसबीआई ने चौथी तिमाही में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) के 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है जबकि सीएसओ के अनुसार यह 6.9 फीसदी रह सकता है। सीएसओ ने वर्ष 2017-18 में जीवीए के 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया था जबकि एसबीआई ने इसके 6.5 फीसदी पर रहने की संभावना जताई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्पोरेट जीवीए के बेहतर प्रदर्शन से चौथी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 9.0 फीसदी रहने की संभावना है। उसने कहा है कि चौथी तिमाही में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन की सीएसओ के अनुमान से बेहतर रहेगा। सीएसओ ने इस क्षेत्र के 1.9 फीसदी से बढऩे का अनुमान जताया है जबकि एसबीआई ने इसके 3.5 फीसदी करने की संभावना जतायी है। सेवा क्षेत्र के प्रदर्शन को एसबीआई की रिपार्ट में सीएसओ के अनुमान की तुलना में कम आंका गया है। सीएसओ ने इस क्षेत्र के 8.7 फीसदी की दर से बढऩे की बात कही थी जबकि एसबीआई ईकोरैप में इसके 8.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।