Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Feb, 2021 04:46 PM
गुड्स एंड सर्विस टैक्स अधिकारियों ने एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है। जीएसटी अधिकारियों के मुताबिक, एक ही शख्स 46 फेक कंपनियों को संचालित कर रहा था और इसने 82.23 करोड़ रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट
नई दिल्लीः गुड्स एंड सर्विस टैक्स अधिकारियों ने एक बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया है। जीएसटी अधिकारियों के मुताबिक, एक ही शख्स 46 फेक कंपनियों को संचालित कर रहा था और इसने 82.23 करोड़ रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit, ITC) बनाया था। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बताया कि GST अधिकारियों ने 46 फर्जी फर्मों का एक नेटवर्क तोड़ने में सफलता हासिल की है। मंत्रालय के मुताबिक, इस नेटवर्क के जरिए फर्जी बिल बनाकर देने का काला कारोबार चलाया जा रहा था और अब तक 82.23 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हासिल किया जा चुका है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने कहा कि व्यापक डेटा विश्लेषण के जरिए पूर्वी दिल्ली के GST अधिकारियों को इन 46 फर्जी फर्मों के नेटवर्क की पहचान करने और उनके काले धंधे की परतें उखाड़ने में मदद मिली। इन फर्मों को 2017 से संचालित किया जा रहा था और बहुत सारे लोगों को नकली बिलों के जरिए फर्जी ITC का लाभ दिलाया जा चुका है। इन लोगों की पहचान की जा रही है। मंत्रालय ने कहा, जांच में सामने आया कि इन फर्मों और इस काले नेटवर्क पर अरविंद कुमार और उसके सहयोगियों का नियंत्रण है। अरविंद कुमार को 17 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, अरविंद के एक खास सहयोगी कमल सिंह सोलंकी ने भी फर्जी बिलों के इस रैकेट में शामिल होने की बात स्वीकार की है। कमल ने बताया है कि करीब 541.13 करोड़ रुपए के फर्जी बिल जारी किए जा चुके हैं, जिनसे 82.23 करोड़ रुपए का फर्जी ITC वसूला जा चुका है। हालांकि आगे जांच में यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है। कमल सिंह को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। GST सेंट्रल टैक्स दिल्ली जोन साल 2017 में अपने गठन के बाद से अब तक 3,791.65 करोड़ रुपए की GST चोरी पकड़ चुका है। साथ ही इससे जुड़े मामलों में 21 लोगों को गिरफ्तार भी कर चुका है।