ऊंची GST दर से एल्युमीनियम पुनर्चक्रण इकाइयां चिंतित: उद्योग

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Mar, 2018 06:24 PM

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एल्युमीनियम पुनर्चक्रण इकाइयां को माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) की ऊंची दर और रिफंड का कोई प्रावधान नहीं होने के चलते उद्योग के प्रभावित होने की चिंता सता रही है। इस उद्योग से अधिकतर छोटे और मध्यम उद्यम जुड़े हुए हैं।

अहमदाबादः एल्युमीनियम पुनर्चक्रण इकाइयां को माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) की ऊंची दर और रिफंड का कोई प्रावधान नहीं होने के चलते उद्योग के प्रभावित होने की चिंता सता रही है। इस उद्योग से अधिकतर छोटे और मध्यम उद्यम जुड़े हुए हैं।

ऑल इंडिया नॉन फेरस मेटल एग्जिम एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र शाह ने कहा, "सीमा शुल्क विभाग द्वारा एल्युमीनियम स्क्रैप के आयात का ऊंचा मूल्यांकन करने से एल्युमीनियम पुनर्चक्रण उद्योग पर जी.एस.टी. का बोझबढ़ा है।" इस उद्योग से करीब 5,000 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों जुड़े हैं। सदस्यों ने कहा कि ऑल इंडिया नॉन फेरस मेटल एग्जिम एसोसिएशन एल्युमीनियम पुनर्चक्रण उद्योग का प्रतिनिधित्व करता है और ज्यादातर आयातित धातु स्क्रैप पर निर्भर है। इस उद्योग में गुजरात की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत है। उन्होंने धातु स्कैप पर 18 प्रतिशत जी.एस.टी. को उद्योग के लिए बड़ी समस्या बताते हुए इसे घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग की है।

शाह ने आगे कहा, "धातु स्क्रैप पर जी.एस.टी. की दर घटाकर 5 प्रतिशत करने से जी.एस.टी. संचय पर कोई असर नहीं पड़ेगा। साथ ही सरकार को किसी भी तरह की राजस्व हानि का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि यह कर संग्रहण को प्रभावित नहीं करेगा। सरकार को तैयार उत्पाद पर जी.एस.टी. प्राप्त होगा।" उन्होंने कहा कि स्क्रैप पर जी.एस.टी. में कटौती से उद्योग को बचाने में मदद मिलेगी।
 

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