शेयर बाजार में ऐतिहासिक तेजी, इन कारणों से बरकरार है तेजी का सिलसिला

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Apr, 2019 01:22 PM

historical rise in stock market these factors have persisted due to the fast

दुनियाभर के शेयर बाजार में आई तेजी के चलते भारतीय बाजार में तेजी का सिलसिला बरकरार है। संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने बुधवार को बैंकिंग और ऑटो कंपनियों के शेयरों में शानदार तेजी की बदौलत कारोबार

बिजनेस डेस्कः दुनियाभर के शेयर बाजार में आई तेजी के चलते भारतीय बाजार में तेजी का सिलसिला बरकरार है। संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने बुधवार को बैंकिंग और ऑटो कंपनियों के शेयरों में शानदार तेजी की बदौलत कारोबार शुरू होने के महज आधे घंटे के भीतर ताजा रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू दिया। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेट कट की उम्मीद और वैश्विकों बाजारों से सकारात्मक संकेतों का असर बाजार पर आज भी दिखा। 

रिकॉर्ड ऊंचाई पर निफ्टी
सुबह 9.37 बजे के आसपास बीएसई का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स उछलकर 39,266.85 पर पहुंच गया, वहीं निफ्टी ने भी रिकॉर्ड स्तर को छू दिया और यह 11,761 के स्तर पर पहुंच गया। एनएसई पर 32 कंपनियों के शेयर हरे निशान पर, जबकि 18 कंपनियों के शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे। 

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वहीं, बीएसई पर 23 कंपनियों के शेयरों में लिवाली, तो सात कंपनियों के शेयरों में बिकवाली चल रही थी। टाटा स्टील के शेयरों में सर्वाधिक 1.61 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। कुल मिलाकर बाजार पर इन प्रमुख कारकों का असर पड़ा है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि विदेशी निवेशकों की ओर से बढ़ता निवेश तेजी की मुख्य वजह है। ऐसे में निवेशकों को निफ्टी-50 में शामिल शेयरों पर दांव लगना चाहिए। चुनाव तक शेयर बाजार में 15 फीसदी तक का मुनाफा मिल सकता है।

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रेट कट का अनुमान 
आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से ब्याज दरों में कटौती किए जाने के अनुमान से निवेशक उत्साहित हैं। आरबीआई दो महीने बाद लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। वैश्विक आर्थिक सुस्ती और खासतौर पर अमेरिका में स्लोडाउन और इमर्जिंग मार्केट्स के उस पर संभावित असर की वजह से आरबीआई कर्ज सस्ता कर सकता है। रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक समीक्षा गुरुवार को पूरी करेगा। अभी रेपो रेट 6.25 फीसदी है। 

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FPI का बंपर निवेश 
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा निवेश में लगातार बढ़ोतरी के कारण भी बाजार कुलांचे भर रहा है। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार में 543.36 करोड़ रुपए का निवेश किया। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 437.70 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीदारी की। एफपीआई ने मार्च में शेयर बाजार में 33,980.56 करोड़ रुपए का निवेश किया, जो फरवरी के मुकाबले सीधे दोगुना है। यह आंकड़ा किसी भी एक महीने में सबसे अधिक है। 

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डॉलर के मुकाबले रुपए में तेजी 
मंगलवार को रुपया 40 पैसे मजबूत होकर 68.74 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। ‘बांड’ और ‘शेयर’ बाजार में विदेशी निधियों के भारी निवेश होने से रुपए के प्रति धारणा मजबूत की है। रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों के साथ डॉलर-रुपया अदला बदली के अनुबंधों की दूसरी नीलामी की घोषणा से भी स्थानीय मुद्रा को बल मिला। बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपए में 13 पैसे की तेजी के असर ने बाजार के उत्साह को और बढ़ावा दिया। 

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मोदी की जीत का भरोसा 
इससे पहले, सोमवार को सेंसेक्स ने अपने रिकॉर्ड स्तर को छू दिया था। बीजेपी के नेतृत्व में अगली सरकार बनने के मार्केट के भरोसे के चलते भी बेंचमार्क इंडेक्स में तेजी आई है। 

आंकड़ों पर एक नज़र
सेबी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने मार्च में 32,371.43 करोड़ रुपए की खरीदारी की है। वहीं, इससे पहले फरवरी महीने में 13,564.57 करोड़ रुपए की खरीदारी की थी। जबकि अक्टूबर 2018 में 29201 करोड़ रुपए की बिकवाली, नवंबर में 4934 करोड़ की खरीदारी और दिसंबर में 1103 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी।

  • मार्च-2019 में 32,371.43 करोड़ रुपए की खरीदारी
  • फरवरी-2019 में 13,564.57 करोड़ रुपए की खरीदारी
  • जनवरी-2019 में 127.67 करोड़ रुपए की खरीदारी
  • दिसंबर-2018 में 1103 करोड़ रुपए की बिकवाली
  • नवंबर-2018 में 4934 करोड़ रुपए की खरीदारी
  • अक्टूबर-2018 में 29201 करोड़ रुपए की बिकवाली
     

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