घर खरीदारों को मिली बड़ी राहत, पजेशन में 1 साल की देरी पर ले सकते हैं रिफंड

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 May, 2019 01:11 PM

home buyers can take huge relief one year delay in deposit

अगर आप घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं या घर खरीद चुके हैं लेकिन आपको उसका पजेशन नहीं मिला तो ये खबर आपके लिए बहुत बड़ी खुशखबरी हो सकती है। राष्ट्रीय विवाद निवारण आयोग ने ऐलान किया है कि अगर बिल्डर घर सौंपने

बिजनेस डेस्कः अगर आप घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं या घर खरीद चुके हैं लेकिन आपको उसका पजेशन नहीं मिला तो ये खबर आपके लिए बहुत बड़ी खुशखबरी हो सकती है। राष्ट्रीय विवाद निवारण आयोग ने ऐलान किया है कि अगर बिल्डर घर सौंपने के वादे की तारीख से एक साल बाद तक घर देने का वादा पूरा नहीं कर पाता तो खरीदार धन वापसी का दावा कर सकते हैं।

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पजेशन में 1 साल से देरी पर रिफंड  
आपको बता दें कि शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने फ्लैट तैयार करने की देरी की सीमा निर्धारित कर दी है। आयोग का कहना है कि अगर बिल्डर एक साल से ज्यादा देरी करता है तो खरीदार रीफंड का दावा कर सकता है। बता दें कि कई न्यायिक संस्थाएं और सुप्रीम कोर्ट भी बार-बार कह चुका है कि ग्राहक रिफंड का दावा कर सकता है लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि आखिर कितनी देर होने पर रिफंड का दावा किया जाए।

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इस शख्स ने दायर की थी याचिका
TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के रहने वाले शलभ निगम ने इस मामले में याचिका दायर की थी। उन्होंने 2012 में अल्ट्रा लग्जरी हाउजिंग प्रॉजेक्ट ग्रीनपोलिस गुड़गांव में अपना घर बुक किया था। इसे ओरिस इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी बना रही थी। उन्होंने 90 लाख के आसपास भुगतान कर दिया था और इसकी कुल कीमत एक करोड़ थी। एग्रीमेंट के मुताबिक 36 महीने यानी तीन साल में फ्लैट मिल जाना चाहिए था लेकिन बिल्डर फ्लैट का काम पुरा नहीं करा सका। इसके बाद निगम ने आयोग का रुख किया।

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आयोग ने दिया ये आदेश

  • हालांकि बिल्डर ने कहा कि बायर लगातार किस्त भर रहे हैं और रिफंड का आदेश दे दिया गया है तो खरीदार को बयाना के रूप में 10 प्रतिशत राशि छोड़नी होगी।
  • आयोग ने इस बात को खारिज करते हुए कहा कि सातवें चरण तक किस्त दी गई है और इसके बाद निर्माण रुक गया इसलिए कोई राशि नहीं छोड़ी जाएगी।
  • आयोग ने कहा कि अगर खरीदार फ्लैट की पजेशन लेना चाहते हैं तो सितंबर 2019 तक इसे पूरा करके देना होगा।
  • अगर पजेशन में और देरी होती है तो बिल्डर को छह प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से मुआवजा देना होगा।
  • अगर बिल्डर समय से पजेशन नहीं दे पाती है तो 10 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि वापस करनी होगी।  
     

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