Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jan, 2018 04:07 PM
दूरसंचार कंपनी आइडिया सेल्यूलर ने सरकार से अनुरोध किया है कि उसे अपने यहां विदेशी हिस्सेदारी 100 प्रतिशत तक ले जाने की इजाजत दी जाए। कंपनी ने कल शाम निवेशकों को दी गई सूचना में कहा कि कंपनी में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
नई दिल्लीः दूरसंचार कंपनी आइडिया सेल्यूलर ने सरकार से अनुरोध किया है कि उसे अपने यहां विदेशी हिस्सेदारी 100 प्रतिशत तक ले जाने की इजाजत दी जाए। कंपनी ने कल शाम निवेशकों को दी गई सूचना में कहा कि कंपनी में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) की अनुमति के लिए डी.आई.पी.पी. ( औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग) से आवेदन किया है। कंपनी में दिसंबर 2017 की स्थिति के अनुसार अभी विदेशी हिस्सेदारी करीब 27 प्रतिशत है। इस समय दूरसंचार कंपनियों में सीधी विदेशी हिस्सेदारी 100 प्रतिशत तक ले जाई जा सकती है, लेकिन 49 प्रतिशत से ऊपर की एफ.डी.आई. के लिए सरकार की मंजूरी लेना जरूरी है। यह शर्त सुरक्षा कारणों से रखी गयी है।
आईडिया सेल्यूलर अपना कारोबार ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन के भारतीय कारोबार के साथ मिलाने का फैसला कर चुकी है और कारोबारों के विलय की प्रक्रिया चल रही है। अभी वोडाफोन इंडिया का ग्राहकी के हिसाब से भारत के मोबाइल दूरसंचार बाजार में एयरटेल के बाद दूसरा स्थान है। विलय के बाद बनी कंपनी के ग्राहक 40 करोड़ से अधिक हो जाएंगे और वह बाजार की सबसे बड़ी कंपनी होगी। वोडाफोन आईडिया संयुक्त उपक्रम में वोडाफोन की हिस्सेदारी 47.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।