Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jul, 2018 11:24 AM
सौंदर्य प्रसाधन उद्योग जगत का कहना है कि भारी छूट वाले उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण नकली उत्पादों में काफी तेजी आई है। उद्योग जगत का कहना है कि इनमें से कई उत्पाद आयात के टैग लगे भी होते हैं जो न केवल बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन है
नई दिल्लीः सौंदर्य प्रसाधन उद्योग जगत का कहना है कि भारी छूट वाले उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण नकली उत्पादों में काफी तेजी आई है। उद्योग जगत का कहना है कि इनमें से कई उत्पाद आयात के टैग लगे भी होते हैं जो न केवल बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि इससे स्वास्थ्य के प्रति गंभीर जोखिम भी है। लॉरियल इंडिया के प्रमुख (कानूनी मामले) एवं कंपनी सचिव पी.एल. शर्मा ने कहा, ‘‘नकली उत्पादों से ब्रांड की साख भी धूमिल हो रही है। ये उत्पाद आयात टैग तथा कीमतों के कारण उपभोक्ताओं को बिना संदेह आर्किषत करते हैं। भारी छूट के कारण कीमत नकली उत्पादों की खरीद में निर्णायक कारक बनकर उभरता है।’’
हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यदि सरकार बौद्धिक संपदा उल्लंघन के इस तरह के मामलों को दूर करने के लिए कठोर कदम उठाए तो उद्योग जगत को काफी फायदा होगा।’’ ऑल इंडिया कॉस्मेटिक्स मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के निदेशक सतीश थिप्से ने दावा किया कि ज्यादातर नकली उत्पाद दिल्ली या मुंबई में मिलते हैं।