Edited By Isha,Updated: 17 Feb, 2019 10:17 AM
वाहनों का बीमा करने वाली कम्पनी के खिलाफ इंदौर की उपभोक्ता फोरम ने एक अहम फैसला दिया है। फोरम ने इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरैंस कम्पनी को लाखों रुपए जुर्माना देने के आदेश दिए हैं।
इंदौर: वाहनों का बीमा करने वाली कम्पनी के खिलाफ इंदौर की उपभोक्ता फोरम ने एक अहम फैसला दिया है। फोरम ने इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरैंस कम्पनी को लाखों रुपए जुर्माना देने के आदेश दिए हैं।
क्या है मामला
अहमदाबाद में रहने वाली संगीता बेन कांकरिया ने 26 मई 2006 को एक चौपहिया वाहन खरीदा था और 10 जून 2006 से 9 जून 2007 की अवधि के लिए इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरैंस कम्पनी से बीमा कराया, जिसका प्रीमियम 22,403 रुपए था। 10 जून 2006 को संगीता बेन अपने पति और ड्राइवर के साथ कार से सफर कर रही थी। अहमदाबाद के पास दोपहर को 2 से 2.30 बजे के बीच किसी ट्रक ने उनके वाहन को टक्कर मार दी। दुर्घटना में ड्राइवर की मौके पर मौत हो गई और संगीता बेन व उसका पति भी गंभीर रूप से घायल हुए थे। उपचार में करीब 3 लाख रुपए खर्च हुआ।
3 जुलाई को बीमा कम्पनी को दुर्घटना की सूचना दी गई और क्लेम की राशि के लिए दावा किया। बीमा कम्पनी ने 22 मार्च 2007 को दावा निरस्त कर दिया। कम्पनी का कहना था कि गाड़ी का बीमा 10 जून को हुआ था और कवर नोट शाम 4.10 बजे जारी किया गया है, जबकि एक्सीडैंट दोपहर एक से 1.30 के बीच हुआ है। कम्पनी ने यह भी कहा परिवादी ने फर्जी कवर नोट लगाया है इसलिए बीमा राशि नहीं दी जा सकती है। परेशान होकर परिवादी ने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया।
यह कहा फोरम ने
करीब 8 साल पुराने केस में सुनवाई करते हुए फोरम ने कहा कि बीमा 10 जून की मिडनाइट से ही मान्य होगा और दुर्घटना दोपहर में हुई है, इसलिए बीमा कम्पनी को राशि चुकानी होगी। फोरम ने बीमा कम्पनी को तगड़ी फटकार लगाते हुए 5 लाख 20 हजार रुपए 8 साल के 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित चुकाने व साथ ही मानसिक संताप के लिए 5,000 और परिवाद शुल्क के 2,000 रुपए चुकाने के आदेश दिए हैं।