Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Aug, 2018 11:19 AM
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस महीने की शुरूआत में हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में दरें बढ़ाने के पक्ष में वोट किया।
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस महीने की शुरूआत में हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में दरें बढ़ाने के पक्ष में वोट किया। यह 'लंबे समय तक' मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत से नीचे रखने की दिशा में उठाया गया कदम है। बैठक के आज जारी ब्योरे में यह बात कही गई है।
आरबीआई गर्वनर पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के 6 में से 5 सदस्यों ने नीतिगत दर (रेपो दर) में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करने के पक्ष में वोट किया था। आरबीआई की ओर से यह लगातार दूसरी वृद्धि है और रेपो दर बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो गई है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने जून में इसमें वृद्धि की थी।
पटेल का मत था कि 'मुद्रास्फीति बढऩे का जोखिम बना रहने से मैं रेपो दर में 0.25 प्रतिशत वृद्धि के पक्ष में वोट करता हूं। यह टिकाऊ आधार पर मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के दायरे में रखने की दिशा में एक अहम कदम है।' आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि हालांकि, वर्तमान अनिश्चितताओं को देखते हुए, 'मैं मौद्रिक नीति पर तटस्थ रुख बनाये रखता हूं।'
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने भी वृद्धि को ध्यान रखते हुए मुद्रास्फीति को निर्धारित दायरे में रखने के वास्ते रेपो दर में वृद्धि के पक्ष में मतदान किया। आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर रविंद्र एच ढोलकिया एकमात्र ऐसे सदस्य थे, जिन्होंने नीतिगत दर में वृद्धि के पक्ष में मतदान नहीं किया।