Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Aug, 2017 11:00 AM
चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में जुलाई तक पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में डायरैक्स टैक्स
नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने में जुलाई तक पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में डायरैक्स टैक्स कलैक्शन 19.1 प्रतिशत बढ़कर 1.90 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। आधिकारिक जानकारी के अनुसार पहले चार महीने में संग्रहित प्रत्यक्ष कर बजट अनुमान का 19.5 प्रतिशत है। इस अवधि में कार्पोरेट आयकर में 7.2 प्रतिशत और प्रतिभूति लेनदेन कर (एस.टी.टी.) सहित व्यक्तिगत आयकर में 17.5 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गयी है।
हालांकि रिफंड के बाद कार्पोरेट आयकर कर 23.2 प्रतिशत और व्यक्तिगत आयकर में 15.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अप्रैल से जुलाई के दौरान चार महीने में 61920 करोड़ रुपए का रिफंड किया गया है जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में किये गये रिफंड की तुलना में 5.1 प्रतिशत कम है।
पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 15.7 फीसदी बढ़ा
अप्रैल जुलाई की अवधि में पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन 15.7 फीसदी बढ़ा है वहीं कॉरपोरेट इनकम टैक्स कलेक्शन 23.2 फीसदी बढ़ा है। ग्रास रेवन्यू कलेक्शन के लिहाज से कॉरपोरेट इनकम टैक्स सीटीटी और पर्सनल इनकम टैक्स पीआईटी की ग्रोथ रेट क्रमश 7.2 और 17.5 फीसदी रहा है।
रिफंड 5 फीसदी घटा
अप्रैल 2017 से जुलाई 2017 के बीच 61,920 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया गया। यह वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में जारी किए गए रिफंड की तुलना में 5.1 फीसदी कम है।
25 फीसदी ज्यादा लोगों ने फाइल किया रिटर्न
नोटबंदी और ऑपरेशन क्लीन मनी का असर इस बार इनकम टैकस रिटर्न फाइलिंग पर साफ तौर पर दिख रहा है। इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में 25 फीसदी तक इजाफा हुआ है। पिछले सालों की तुलना में रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में यह बड़ा उछाल है।
इनकम टैक्स विभाग की सख्ती का असर
इस बार 5 अगत तक 2 करोड़ 82 लाख 92 हजार 955 रिटर्न फाइल हुए हैं जबकि वित्त वर्ष 201617 की समान अवधि में 2 करोड़ 26 लाख 97 हजार 843 रिटर्न फाइल किए गए थे। इस तरह से इस बार रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में 24.7 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं पिछले साल रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में 9.9 फीसदी।
टैक्स नेट में आए नए टैक्सपेयर्स
इस बार रिटर्न फाइल करने वाले इंडीविजुअल्स की संख्या में 25.3 फीसदी इजाफा हुआ है। इस कैटेगरी में 5 अगस्त तक 2 करोड़ 79 लाख 39 हजार 083 रिटर्न फाइल किए गए हैं जबकि 2016 17 की समान अवधि में 2 करोड़ 22 लाख 92 हजार 864 रिटर्न फाइल किए गए थे। इससे साफ पता चलता है कि नोटबंदी की वजह से बड़े पैमाने पर नए टैक्सपेयर्स टैक्स नेट में आए हैं।