Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Dec, 2023 01:34 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है लेकिन आरबीआई के पूर्व गवर्नर और मोदी सरकार की नीतियों के धुर आलोचक रघुराम राजन का कहना है कि मौजूदा ग्रोथ रेट के साथ भारत के लिए यह लक्ष्य पाना मुश्किल होगा। उनका...
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है लेकिन आरबीआई के पूर्व गवर्नर और मोदी सरकार की नीतियों के धुर आलोचक रघुराम राजन का कहना है कि मौजूदा ग्रोथ रेट के साथ भारत के लिए यह लक्ष्य पाना मुश्किल होगा। उनका कहना है कि अभी भारत की पर कैपिटा इनकम करीब 2,500 डॉलर है। मौजूदा ग्रोथ रेट के हिसाब से भारत 2047 तक लोअर मिडिल से मॉडरेट मिडिल इनकम ग्रुप तक ही पहुंच सकता है।
राजन ने कहा, 'अभी भारत की पर कैपिटा करीब 2,500 डॉलर है। मौजूदा ग्रोथ रेट से चलते रहे तो भारत 2047 तक विकसित देश नहीं बन सकता है। ज्यादा से ज्यादा हम लोअर मिडिल से लेकर मॉडरेट मिडिल इनकम ग्रुप में पहुंच सकते हैं।' मोदी सरकार ने साल 2047 तक भारत को विकसित देश के रूप में दुनिया के सामने लाने के लिए विजन डॉक्यूमेंट पेश किया है। विकसित भारत@2047 का उद्देश्य आजादी के 100वें वर्ष यानी वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। यह दृष्टिकोण आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलुओं को सम्मिलित करता है।
नोटबंदी पर क्या कहा
राजन ने साथ ही कहा कि गुड़गांव और नोएडा में काम कर रहे लोग फर्स्ट वर्ल्ड इकॉनमी में ऑपरेट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडियन इकॉनमी के कुछ हिस्से विकसित देशों की तरह हैं। नोएडा और गुड़गांव के लोग फर्स्ट-वर्ल्ड इकॉनमी में काम कर रहे हैं। जब उनसे 2016 की नोटबंदी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पीएमओ ने उनसे पूछा था कि नोटबंदी की योजना काम करेगी या नहीं। इस पर उन्होंने और उनकी टीम ने इस फैसले के अच्छे और बुरे दोनों पहलुओं के बारे में बताया था लेकिन सरकारी अधिकारियों को इस फैसले से बचने का संकेत दिया था।