Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Apr, 2018 01:44 PM
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) का कहना है कि भारत द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों का परिणाम सामने आने लगे हैं और इससे लोगों को फायदा भी हुआ है। इससे इस तरह के और कदम उठाने का आधार मजबूत हुआ है।
वाशिंगटनः अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) का कहना है कि भारत द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों का परिणाम सामने आने लगे हैं और इससे लोगों को फायदा भी हुआ है। इससे इस तरह के और कदम उठाने का आधार मजबूत हुआ है।
आई.एम.एफ. के उप प्रबंध निदेशक (प्रथम) डेविड लिप्टन ने कहा कि कई अड़चनों के बावजूद माल व सेवाकर (जी.एस.टी.) को लागू किए जाने से लोक वित्त का आधार मजबूत तथा सुरक्षित करने में मदद मिलेगी। लिप्टन ने कहा कि बैंकों की समस्याओं से निपटने के लिए हाल में उठाए गए कदम भी महत्वपूर्ण हैं। डिजिटल पहचान तकनीक और अन्य ढांचागत सुधार इत्यादि उल्लेखनीय कदम है जो समावेशी वृद्धि और भारत को एक आर्थिक केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4% का अनुमान
आई.एम.एफ. और विश्वबैंक की ग्रीष्मकालीन बैठक के अवसर पर उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है लेकिन भारत ने अब तक जो कदम उठाए हैं उनका फायदा दिख रहा है।" उन्होंने कहा, "भारत के सुधारों का परिणाम अब सामने आ रहा है और इसे हम वृद्धि के रुप में देख सकते हैं। भारत की वृद्धि दर पिछले साल 6.7 फीसदी थी और अब हमारा अनुमान इस वित्त वर्ष में इसके 7.4 फीसदी रहने और उसके अगले साल 7.8 फीसदी रहने का है। यह एक स्वस्थ वृद्धि है और इतने बड़े देश के लिए बहुत मायने रखती है।"