जापान, जर्मनी को पछाड़ 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा भारत: सीतारमण

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Nov, 2023 03:27 PM

india will be the world s third largest economy by 2027 surpassing japan

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भरोसा जताया है कि भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। सीतारमण ने बुधवार को ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद' को संबोधित करते कहा कि वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के...

बिजनेस डेस्कः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भरोसा जताया है कि भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। सीतारमण ने बुधवार को ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद' को संबोधित करते कहा कि वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत से थोड़ा कम रहने का अनुमान है। यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि इसलिए भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।

सीतारमण नें कहा कि हिंद-प्रशांत को प्रभावित करने वाले समकालीन संघर्ष जैसे यूक्रेन युद्ध, इजराइल या यमन संकट और दक्षिण तथा पूर्व चीन सागर में जारी तनाव के कारण आपूर्ति-श्रृंखला में व्यवधान तथा आर्थिक अस्थिरता के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के अनुमान के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। उस समय भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा। 2047 तक भारत एक विकसित अर्थव्यवस्था बनना चाहता है।'' 

भारत की नीली अर्थव्यवस्था (समुद्री अर्थव्यवस्था) पर उन्होंने कहा कि यह सकल घरेलू उत्पाद का करीब चार प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि भारत में नौ राज्य तथा चार केंद्र शासित प्रदेश हैं, जो समुद्र तट पर स्थित हैं। 12 प्रमुख और 200 से अधिक गैर-प्रमुख बंदरगाह हैं। अंतरराष्ट्रीय तथा घरेलू व्यापार के लिए जलमार्गों का एक विशाल नेटवर्क है। अंकटाड के अनुसार, भारत 2020 में विकासशील देशों के बीच महासागर आधारित वस्तुओं तथा सेवाओं का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक था। सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि हिंद-प्रशांत निस्संदेह दुनिया का सबसे आर्थिक रूप से गतिशील क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि इसमें वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 60 प्रतिशत और वैश्विक व्यापारिक व्यापार का करीब 50 प्रतिशत शामिल है।

मंत्री ने कहा कि दूसरी ओर हिंद-प्रशांत भी एक भू-राजनीतिक रूप से विवादित क्षेत्र है, जो बड़ी ताकतों में प्रतिस्पर्धा से प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत अपनी आर्थिक वृद्धि को तेज कर रहा है और अपनी विशाल जनता का उत्थान कर रहा है, उन्हें गरीबी से समृद्धि की ओर ले जा रहा है, वह अपनी व्यापक राष्ट्रीय ताकत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपना कद बढ़ा रहा है। 

सीतारमण ने कहा, ‘‘आज भारतीय चाहे देश में हों या विदेश में सिर ऊंचा करके खड़े होते हैं, चलते हैं, बात करते हैं और काम करते हैं... दुनिया भारत की उपलब्धियों तथा सफलताओं की सराहना करती है और कई संकट के बीच उसकी जुझारू क्षमता की सराहना की जाती है...'' उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय निर्यात के मामले में भारत की वैश्विक रैंकिंग 2014 में 44वें स्थान से बढ़कर 2023 में 22वें स्थान पर पहुंच गई है। 

सीतारमण ने कहा कि इसी तरह विश्व बैंक की लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारतीय बंदरगाहों का टर्न-अराउंड टाइम (एक जहाज के किसी स्थान पर जाने और वहां से वापस आने का समय) अब केवल 0.9 दिन है, जो सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, रूस और दक्षिण अफ्रीका जैसे स्थापित समुद्री केंद्रों के बंदरगाहों से कम है। 

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