Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Apr, 2024 03:47 PM
राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने रिलायंस होम फाइनेंस में पेशेवर और ऑडिट से जुड़ी गड़बड़ियों के लिए एक ऑडिट कंपनी और दो ऑडिटरों पर कुल 1.6 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। एनएफआरए ने एक बयान में कहा कि ऑडिट कंपनी धीरज एंड धीरज पर...
नई दिल्लीः राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने रिलायंस होम फाइनेंस में पेशेवर और ऑडिट से जुड़ी गड़बड़ियों के लिए एक ऑडिट कंपनी और दो ऑडिटरों पर कुल 1.6 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। एनएफआरए ने एक बयान में कहा कि ऑडिट कंपनी धीरज एंड धीरज पर वित्त वर्ष 2018-19 के ऑडिट कार्यों में गड़बड़ी के लिए एक करोड़ रुपए, पीयूष पाटनी पर 50 लाख रुपए और पवन कुमार गुप्ता पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
पाटनी और गुप्ता दोनों ही मुंबई स्थित ऑडिट कंपनी धीरज एंड धीरज के भागीदार हैं। इसके अलावा वित्तीय रिपोर्टिंग नियामक ने पाटनी और गुप्ता को क्रमशः पांच साल और तीन साल के लिए ऑडिटर के रूप में नियुक्त होने या वित्तीय विवरण या आंतरिक ऑडिट के संबंध में कोई भी ऑडिट करने से रोक दिया है। यह मामला वर्ष 2018-19 के लिए रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के ऑडिट में गड़बड़ी से संबंधित है।
इस काम में पाटनी एंगेजमेंट पार्टनर (ईपी) और गुप्ता एंगेजमेंट क्वालिटी कंट्रोल रिव्यू पार्टनर (ईक्यूसीआर) थे। पहले प्राइस वॉटरहाउस एंड कंपनी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एलएलपी (पीडब्ल्यू) को आरएचएफएल के ऑडिटर के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन प्राइस वाटरहाउस ने इस काम को पूरा किए बगैर जून, 2019 में खुद को ऑडिट से अलग कर लिया था। इसके अलावा पीडब्ल्यू ने 31 मार्च, 2019 तक लगभग 7,900 करोड़ रुपए के ऋण से संबंधित धोखाधड़ी का संदेह भी जताया था। इसके बाद, धीरज एंड धीरज फर्म को आरएचएफएल के निदेशक मंडल द्वारा कंपनी के वैधानिक लेखा परीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था।