Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 May, 2018 05:34 PM
कैलिफोर्निया में एक भारतीय मूल के अमेरिकी की सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी पर विदेश से लाए गए कर्मचारियों को कम वेतन देकर एच-1बी वीजा कार्यक्रम का उल्लंघन के आरोप में जुर्माना लगाया गया है।
वाशिंगटनः कैलिफोर्निया में एक भारतीय मूल के अमेरिकी की सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी पर विदेश से लाए गए कर्मचारियों को कम वेतन देकर एच-1बी वीजा कार्यक्रम का उल्लंघन के आरोप में जुर्माना लगाया गया है।
श्रम विभाग ने कंपनी को अपने 12 विदेशी कर्मचारियों को 1,73,044 डॉलर का भुगतान करने को कहा गया है जिनमें ज्यादातर भारतीय हैं। इन कर्मचारियों को कंपनी ने एच-1बी कार्यक्रम की शर्तों के हिसाब से कम का वेतन दिया था।
झूठे वादे पर अमेरिका बुलाया
अमेरिका के श्रम एवं पारिश्रमिक विभाग की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी क्लाउडविक टेक्नोलॉजीज ने भारत से कुछ कर्मचारियों को मासिक 8,300 डॉलर वेतन के वादे के साथ बुलाया था, जबकि उन्हें मात्र 800 डॉलर प्रति माह का भुगतान किया गया। कंपनी की वैबसाइट पर उपलब्ध सूचना के अनुसार, कैलिफोर्निया के नेवार्क में मशहूर सिलिकन वैली में स्थित इस कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक मणि छाबड़ा हैं।
ये हैं कंपनी की प्रोफाइल
कंपनी का दावा है कि वह विश्व की बड़ी कंपनियों को बाईमाडल डिजिटल सेवाएं और समाधान उपलब्ध कराती है। इनमें बैंक आफ अमेरिका, कॉमकास्ट, होम डिपो, इन्ट्यूट, जेपी मॉर्गन, नेटएप, टार्गेट, वीजा और वॉलमार्ट जैसी कंपनियां हैं। जांचकर्ताओं ने पाया कि कंपनी ने गैर-कानूनी तरीके से कर्मचारियों के वेतन से कटौती की।