Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Sep, 2020 02:31 PM
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020 के दौरान 5.9 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है और चेतावनी दी गई कि वृद्धि अगले साल भी पटरी पर लौट सकती है लेकिन संकुचन के चलते स्थाई रूप से...
संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020 के दौरान 5.9 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है और चेतावनी दी गई कि वृद्धि अगले साल भी पटरी पर लौट सकती है लेकिन संकुचन के चलते स्थाई रूप से आय में कमी होने की आशंका है।
अंकटाड की ‘व्यापार एवं विकास रिपोर्ट 2020' में मंगलवार को कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था गहरी मंदी का सामना कर रही है और महामारी पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है। व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (अंकटाड) की इस रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.3 प्रतिशत की कमी होगी।
वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की गंभीर तस्वीर खींचते हुए अंकटाड ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘संक्षेप में ब्राजील, भारत और मैक्सिको की अर्थव्यवस्थाओं के पूरी तरह ढह जाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था जूझ रही है। घरेलू गतिविधों के सिकुड़ने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर इसका असर हो रहा है। इस साल व्यापार करीब 20 प्रतिशत घट जाएगा। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह में करीब 40 प्रतिशत और विदेश से धन-प्रेषण में 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की कमी आएगी।''
अंकटाड का अनुमान है कि 2020 के दौरान दक्षिण एशिया की अर्थव्यवस्था में 4.8 प्रतिशत की कमी आएगी और अगले साल ये 3.9 प्रतिशत रह सकता है। इसी तरह 2020 के दौरान भारत की जीडीपी में 5.9 प्रतिशत की कमी का अनुमान जताया गया है, जबकि अगले साल यह 3.9 प्रतिशत रह सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सख्त लॉकडाउन के चलते भारत 2020 में मंदी की गिरफ्त में रहेगा, हालांकि 2021 के दौरान इसमें सुधार होने की उम्मीद है।