Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Jun, 2020 09:06 AM
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि इस वित्त वर्ष यानी 2020-21 में कोरोना संकट की वजह से भारत की जीडीपी ग्रोथ में 4.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है। यह करीब 6 दशकों की सबसे बड़ी गिरावट होगी।
बिजनेस डेस्कः अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि इस वित्त वर्ष यानी 2020-21 में कोरोना संकट की वजह से भारत की जीडीपी ग्रोथ में 4.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है। यह करीब 6 दशकों की सबसे बड़ी गिरावट होगी।
IMF का कहना है कि पहली छमाही में कोरोना वायरस का अर्थव्यवस्था पर असर उम्मीद से कही ज्यादा गंभीर है। आईएमएफ ने वर्ष 2020 में ग्लोबल ग्रोथ रेट में 4.9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है। IMF ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5.4 फीसदी की बढ़त हो सकती है। यह उसके पहले के अनुमान के मुकाबले 0.4 फीसदी ज्यादा है।
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क्या कहा IMF ने
आईएमएफ ने बुधवार को जारी अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट जून 2020 में कहा, 'लंबे समय तक लॉकडाउन और अप्रैल में उम्मीद से धीमे सुधार होने की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में 4.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है।'
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कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं
IMF ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020 में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है और यह ऐतिहासिक गिरावट होगी। उसने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और इसकी रोकथाम के उपायों के चलते अधिकांश आर्थिक गतिविधियां ठप होने के कारण इतनी बड़ी गिरावट आने का अनुमान है।
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अगले साल फिर 6 फीसदी की तेजी
आईएमएफ का यह भी अनुमान है कि 2021-22 में देश में फिर से तेजी की राह पर लौट आएगा और उस साल 6 फीसदी की मजबूत आर्थिक वृद्धि देखने को मिल सकती है। हालांकि उसने अनुमान में कटौती की है। पहले IMF ने कहा था कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.4 फीसदी की बढ़त होगी। इसी तरह IMF ने पहले यह अनुमान जाहिर किया था कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 1.9 फीसदी की बढ़त होगी।