Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Sep, 2018 01:38 PM
बीमा कंपनियों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत दावों के निपटारे के मामले में देरी करने पर किसानों को 12 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा। सरकार की ओर से जारी नए दिशानिर्देश में यह बात कही गई है।
नई दिल्लीः बीमा कंपनियों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत दावों के निपटारे के मामले में देरी करने पर किसानों को 12 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा। सरकार की ओर से जारी नए दिशानिर्देश में यह बात कही गई है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा दावों के निपटान में देरी होने की स्थिति में राज्यों और बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान शामिल करने का फैसला किया है।'
बयान में कहा गया कि कि निर्धारित अंतिम तिथि के दो माह बाद दावों का निपटान करने पर देरी होने पर बीमा कंपनियां किसानों को 12 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करेंगी। बीमा कंपनियों की ओर से अपनी मांग प्रस्तुत करने के लिए निर्धारित अंतिम तिथि के 3 माह बाद सब्सिडी में राज्य का हिस्सा जारी करने पर विलम्ब होने के कारण राज्य सरकारें 12 प्रतिशत ब्याज देंगी।