धनतेरस पर जांच-परख कर खरीदें सोना

Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Oct, 2018 01:51 PM

investigate dhanteras by buying gold

भारतीय परम्परा के मुताबिक धनतेरस से लेकर दीवाली तक सोने की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इस विशेष अवसर पर लोग सोने के सिक्के , ज्वैलरी और चांदी के बर्तन खरीदते हैं। हालांकि इस दौरान धोखाधड़ी के शिकार होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है।

नई दिल्लीः भारतीय परम्परा के मुताबिक धनतेरस से लेकर दीवाली तक सोने की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इस विशेष अवसर पर लोग सोने के सिक्के, ज्वैलरी और चांदी के बर्तन खरीदते हैं। हालांकि इस दौरान धोखाधड़ी के शिकार होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। अगर आप भी अपने या परिवार के लिए धनतेरस पर सोने-चांदी की खरीदारी करने जा रहे हैं तो हम आपको खरीदने से पहले इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दे रहे हैं। इनको अमल में लाकर आप न सिर्फ धोखाधड़ी से बच सकते हैं बल्कि बचत भी कर सकते हैं।

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इस तरह पहचानें असली हॉलमार्किंग
किसी ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग का निशान वास्तविक या नकली है इसकी पहचान करना बहुत ही आसान है। असली हॉलमार्किंग पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है। उस पर हॉलमार्किंग सैंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है। उसी में ज्वैलरी निर्माण का वर्ष और उत्पादक का लोगो भी होता है। वहीं नकली हॉलमार्किंग पर निशान के अलावा कुछ नहीं होता है। कुछ ही ज्वैलर्स बिना जांच प्रक्रिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगा रहे हैं।

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स्टोन वाली ज्वैलरी खरीदने से बचें
स्टोन वाली सोने की ज्वैलरी खरीदने से बचना चाहिए। इसकी वजह यह है कि सोने की ज्वैलरी में जो पत्थर लगे होते हैं वे कीमती नहीं बल्कि मामूली होते हैं। जब आप ज्वैलरी खरीदते हैं तो जौहरी कहता है कि इसमें इतने वजन का सोना और इतने भार का पत्थर है। आपको इस दर से सोने का भाव देना होगा। आपके पास जौहरी की कही बात को मानने के सिवाय दूसरा कोई चारा नहीं होता है। ऐसे में संभव है कि आपको सोने से अधिक कीमत चुकानी पड़े। इसलिए इससे बचने का प्रयास करें।

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हॉलमार्क ज्वैलरी ही खरीदें
सोने की दुकान से हमेशा हॉलमॉर्क  वाली ज्वैलरी ही खरीदें। हॉलमार्क  लगी ज्वैलरी इस बात की गारंटी है कि ज्वैलरी शुद्ध है क्योंकि यह निशान भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा दिया जाता है। अगर हॉलमार्क वाले आभूषण पर 999 लिखा है तो सोना 99.9 प्रतिशत शुद्ध है। अगर हॉलमार्क के साथ 916 का अंक लिखा हुआ है तो वह आभूषण 22 कैरेट का है और 91.6 प्रतिशत शुद्ध है।

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कीमत को लेकर रहें सावधान
सोने की ज्वैलरी कभी भी 24 कैरेट गोल्ड से नहीं बनती है। यह 22 कैरेट में बनती है और हमेशा 24 कैरेट गोल्ड से सस्ती होती है। इसलिए जब भी सोने की ज्वैलरी खरीदें तो यह ध्यान रखें कि जौहरी आपसे 22 कैरेट के हिसाब से पैसा ले रहा है। जौहरी से सोने की शुद्धता और कीमत बिल पर जरूर लिखवाएं।

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मेकिंग चार्ज को लेकर तोल-मोल करें
जौहरी सोने-चांदी की ज्वैलरी पर मेकिंग चार्ज लेते हैं। अक्सर देखा गया है कि छोटी-सी ज्वैलरी पर भी कुछ ज्वैलर्स उतना ही चार्ज वसूलते हैं जितना बड़ी व हैवी ज्वैलरी पर। धनतेरस के दिन मांग बहुत ज्यादा होने से जौहरी ज्यादा मेकिंग चार्ज वसूल लेते हैं। इसके लिए पहले से तैयार रहें और ज्वैलरी का पैसा चुकाने से पहले जितना तोल-मोल कर सकते हैं करें। इससे आप अच्छी राशि की बचत कर सकते हैं। गोल्ड ज्वैलरी खरीदते वक्त आप सर्टीफिकेट लेना न भूलें। सर्टीफिकेट में गोल्ड की कैरेट क्वॉलिटी भी जरूर चैक कर लें।

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