Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jul, 2018 01:36 PM
अमेरिका द्वारा ईरान से कारोबारी रिश्ते खत्म करने के दबाव के बावजूद भारत और ईरान के बीच नज़दीकियां तेजी से बढ़ रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल ईरान भारत को तेल निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
नई दिल्लीः अमेरिका द्वारा ईरान से कारोबारी रिश्ते खत्म करने के दबाव के बावजूद भारत और ईरान के बीच नज़दीकियां तेजी से बढ़ रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल ईरान भारत को तेल निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। ईरान ने सऊदी अरब को पीछे छोड़ कर यह दर्जा हासिल किया है। सऊदी अरब पिछले 7 साल से भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश रहा है।
दरअसल अमेरिका ने ईरान पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस बीच ईरान तेल निर्यात पर कई आकर्षक योजनाएं चला रहा है। ऐसे में भारतीय तेल कंपनियां उसका भरपूर फायदा उठाने में लगी हैं क्योंकि अमेरिकी प्रतिबंध नवंबर से प्रभावी होने वाले हैं। हालांकि ईरान के साथ चल रहे इस धंधे में भारत के लिए असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है क्योंकि ट्रंप प्रशासन ईरान से तेल आयात को जीरो पर लाने का दबाव बना रहा है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को बताया कि ईरान चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत की सरकारी तेल कंपनियों को कच्चे तेल का निर्यात करने वाला दूसरा बड़ा आपूर्तिकर्ता रहा है। इस साल पहली तिमाही अप्रैल-जून में इन तेल कंपनियों ने ईरान से 56.70 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया। यह मात्रा सऊदी अरब से अधिक रही। इराक के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने सबसे ज्यादा कच्चा तेल ईरान से खरीदा।
हालांकि ईरान के साथ बढ़ते इस बिजनस के बीच भारत की दुविधा भी लगातार बढ़ रही है। ईरान से तेल आयात कम करने के दबाव के बीच इंडस्ट्री सूत्रों का कहना है कि इसपर कोई फैसला करने के लिए भारत के पास पर्याप्त समय है। सूत्रों के मुताबिक प्रतिबंधों के लिए जारी डेडलाइन से पहले ही भारत ईरान से तेल आयात कम कर जरूरत पड़ने पर दूसरे सोर्सों से तेल की कमी को पूरा कर सकता है।