Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Apr, 2019 04:17 PM
अस्थाई रूप से बंद जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने अपने बकाया वेतन और एयरलाइन को इमरजेंसी फंडिंग दिलाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल की मांग दी है।
बिजनेस डेस्कः अस्थाई रूप से बंद जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने अपने बकाया वेतन और एयरलाइन को इमरजेंसी फंडिंग दिलाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल की मांग दी है। कर्मचारियों के दो संगठनों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। जेट के कर्मचारियों की 3 महीने की सैलरी बकाया है। एयरलाइन का संचालन बंद होने से उनका करियर भी संकट में है।
पायलट्स वेलफेयर सोसायटी ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था
इसी हफ्ते सोसायटी फॉर वेलफेयर ऑफ इंडियन पायलट्स और जेट एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने भी इसी तरह पत्र लिखकर मदद मांगी थी। कर्मचारियों ने अपील की है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जेट एयरवेज के प्रबंधन को निर्देश दिए जाएं कि कर्मचारियों के बकाया भुगतान जल्द से जल्द किए जाएं। एक पत्र में कर्मचारियों ने अपील की- मौजूदा हालात में हर मिनट और हर फैसला बेहद अहम है।
जेट के कर्मचारी संगठनों का कहना है कि कर्मचारियों के एक वर्ग को पिछले 7 महीने से समय पर वेतन नहीं मिल रहा। मार्च में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को भी इस बारे में बताया गया था। पायलट्स और इंजीनियर्स को 3 महीने से वेतन नहीं मिला है। बाकी स्टाफ की एक महीने की सैलरी बकाया है।
कर्मचारियों का कहना है कि जेट का संचालन बंद होने से उनसे जुड़े दूसरे लोग भी प्रभावित होंगे। पैसेंजर भी परेशान हो रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने हवाई किराए बढ़ने की आशंका भी जताई है।
प्रभु ने की स्थिति की समीक्षा
नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने जेट एयरवेज का परिचालन अस्थायी रूप से बंद होने के बाद शनिवार को विमानन क्षेत्र की स्थिति का जायजा लिया। प्रभु ने नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला के साथ एक बैठक की। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर बताया कि इस बैठक में विमानन क्षेत्र के हालात पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मुख्य रूप से जेट एयरवेज का परिचालन बंद होने के बाद विमानन क्षेत्र में क्षमता की कमी, बढ़ते किराये और इनसे निपटने के उपायों पर चर्चा हुई।