Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Nov, 2019 05:04 PM
अनिल अंबानी की आरकॉम की सब्सिडियरी रिलायंस इन्फ्राटेल के मोबाइल टावर और ऑप्टिकल फाइबर एसेट्स के लिए मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो की बोली मंजूर हो सकती है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक दिवालिया प्रक्रिया के तहत बिडिंग में
नई दिल्लीः अनिल अंबानी की आरकॉम की सब्सिडियरी रिलायंस इन्फ्राटेल के मोबाइल टावर और ऑप्टिकल फाइबर एसेट्स के लिए मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो की बोली मंजूर हो सकती है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक दिवालिया प्रक्रिया के तहत बिडिंग में जियो ने सबसे ज्यादा 3,600 करोड़ रुपए की बोली लगाई है। भारती एयरटेल ने 1,800 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया।
जियो ने बिडिंग में सफल रहने पर 60 दिन में भुगतान का वायदा भी किया है। आरकॉम की कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स सभी बोलीदाताओं से बातचीत कर वोटिंग के जरिए आखिरी बोली तय करेगी। इस प्रक्रिया में एक-दो हफ्ते लग सकते हैं।
भारती एयरटेल ने आरकॉम के स्पेक्ट्रम के लिए भी सशर्त बोली लगाई है, लेकिन जो शर्तें रखी हैं उनके मुताबिक 10 जनवरी 2020 तक एसेट्स बिक्री की प्रक्रिया पूरा करना रेजोल्यूशन प्रोफेशनल के लिए मुश्किल होगा। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने ये समयसीमा तय की थी। जियो ने आरकॉम के स्पेक्ट्रम के लिए बोली नहीं लगाई।
वीएफएसआई होल्डिंग्स और यूवी एसेट्स रिकंस्ट्रक्शन कंपनी ने भी आरकॉम के एसेट्स के लिए बिडिंग की है। दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही आरकॉम पर 33,000 करोड़ रुपए का सिक्योर्ड कर्ज है। कर्जदाताओं ने अगस्त में 49,000 करोड़ रुपए के दावे पेश किए।
आरकॉम ने दिवालिया प्रक्रिया से पहले भी जियो समेत अन्य कंपनियों को एसेट्स बेचने की कोशिश की थी, लेकिन नाकाम रही। जियो से एग्रीमेंट भी हो गया था लेकिन, दूरसंचार विभाग से मंजूरी नहीं मिल पाई। बाद में जियो ने समझौता रद्द कर दिया, क्योंकि वह आरकॉम की पिछली देनदारियां लेने को तैयार नहीं थी।