Edited By ,Updated: 09 May, 2017 02:01 PM
खाद्य नियामक एफ.एस.एस.ए.आई. के एक विशेषज्ञ पैनल ने बहुत अधिक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों...
नई दिल्लीः खाद्य नियामक एफ.एस.एस.ए.आई. के एक विशेषज्ञ पैनल ने बहुत अधिक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों और चीनी की अधिक मात्रा वाले पेय पदार्थों पर अतिरिक्त कर लगाने तथा बच्चों के चैनलों एवं टीवी पर बच्चों के शो के दौरान उनके विज्ञापनों पर पाबंदी लगाने की सिफारिश की है।
बहुत अधिक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का उपभोग कम हो
‘फैट, शुगर और सॉल्ट (एफ.एस.एस.) का उपभोग एवं भारतीय जनसंख्या पर उसके प्रभाव’ विषय पर 11 सदस्यों के पैनल की रिपोर्ट में अनहेल्दी फूड प्रोडक्ट का उपभोग कम करने और कैंसर-मधुमेह जैसे रोगों का बोझ कम करने के उपाय सुझाए गए हैं। एफ.एस.एस.ए.आई. ने दवा, पोषण जैसे क्षेत्रों तथा जाने-माने मेडिकल रिसर्च और एजुकेशनल संस्थानों के आहार विशेषज्ञों का एक पैनल बनाया था।
खपत में आएगी कमी
एफ.एस.एस.ए.आई. की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर प्री-पैकेज्ड फूड, ज्यादा सॉल्ट और फैट वाले खाने पर अगर अधिक टैक्स लगा दिया जाएगा, तो इससे इनकी खपत में कमी आएगी। पैनल के मुताबिक अनहेल्दी फूड पर ज्यादा टैक्स वसूलने से लोग हेल्दी फूड की तरफ बढ़ेंगे। इससे मिलने वाले टैक्स से सरकार के न्यूट्रीशन संबंधी प्रोग्राम को बढ़ाया जा सकता है।
एडवर्टाइजिंग पर लगे बैन
वहीं, पैनल ने कहा है कि जंक फूड की एडवर्टाइजिंग को रेग्युलेट किया जाना चाहिए। इन्हें बच्चों के चैनल पर दिखाने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। इसके अलावा बच्चों के लिए चल रहे शो के दौरान भी इनका एड नहीं दिखाया जाना चाहिए। पैनल ने तो यहां तक भी कहा है कि अन्य देशों की तरह भारत में भी जंक फूड के एड पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।