Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Mar, 2021 10:19 AM
भारतीय रिजर्व बैंक और पीएमसी बैंक संभावित निवेशकों के साथ जमाकर्ताओं के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखकर बातचीत कर रहे हैं। केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को कहा कि इस प्रक्रिया में अभी कुछ और समय लग सकता है क्योंकि उसने घोटाले का शिकार हुए शहरी सहकारी...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक और पीएमसी बैंक संभावित निवेशकों के साथ जमाकर्ताओं के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखकर बातचीत कर रहे हैं। केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को कहा कि इस प्रक्रिया में अभी कुछ और समय लग सकता है क्योंकि उसने घोटाले का शिकार हुए शहरी सहकारी बैंक पर अंकुशों को तीन महीने के लिए और बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया है।
सितंबर, 2019 में रिजर्व बैंक ने पीएमसी के बोर्ड को भंग कर दिया था और बैंक को नियामकीय अंकुशों के तहत डाल दिया था। इनमें बैंक के ग्राहकों द्वारा अपने खातों से निकासी को लेकर अंकुश भी थे। इन अंकुशों कई बार आगे बढ़ाया जा चुका है। पीएमसी बैंक को कुछ निवेशकों से अपने पुनर्गठन के लिए पक्की पेशकश मिली हैं। इस बारे में बैंक ने तीन नवंबर, 2020 को रुचि पत्र (ईओआई) निकाला था।
केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि रिजर्व बैंक और पीएमसी बैंक इस समय कई संभावित निवेशकों से बात कर रहे हैं ताकि बैंक के जमाकर्ताओं और अन्य अंशधारकों की दृष्टि से सर्वोत्तम संभावित शर्तें हासिल की जा सकें और साथ ही पुनर्गठित इकाई की दीर्घावधि की व्यवहार्यता सुनिश्चित हो सके। रिजर्व बैंक ने कहा कि पीएमसी बैंक की वित्तीय स्थिति तथा प्रक्रिया की जटिलता को देखते हुए इसमें कुछ और समय लगने की संभावना है।