खरीफ फसल की स्थिति बेहतर, बंपर उत्पादन की उम्मीद: कृषि मंत्री

Edited By Supreet Kaur,Updated: 06 Sep, 2019 10:52 AM

kharif crop situation better bumper production expected

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि खरीफ फसलों की स्थिति बेहतर है और इसे देखते हुये लगता है कि देश में बंपर खाद्यान्न उत्पादन होगा। अंतर्राष्ट्रीय जस्ता संघ (आईजेडए) और भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वैश्विक सूक्ष्म पोषण...

नई दिल्लीः कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि खरीफ फसलों की स्थिति बेहतर है और इसे देखते हुये लगता है कि देश में बंपर खाद्यान्न उत्पादन होगा। अंतर्राष्ट्रीय जस्ता संघ (आईजेडए) और भारतीय उर्वरक संघ (एफएआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वैश्विक सूक्ष्म पोषण सम्मेलन के मौके पर मंत्री ने कहा कि स्थिति अच्छी है और उत्पादन भी अच्छा होगा। अगस्त में मानसून की अच्छी बरसात होने के बाद खरीफ फसलों के बुवाई के रकबे में काफी सुधार हुआ है।

धान खेती के रकबे की यदि बात की जाए तो 30 अगस्त तक यह कम यानी 354.84 लाख हेक्टेयर था, जो पिछले साल की इसी अवधि में 372.42 लाख हेक्टेयर था। दलहन का रकबा भी कम यानी 127.99 लाख हेक्टेयर रहा जो पिछले साल की समान अवधि में 131.54 लाख हेक्टेयर पर था। मोटे अनाज की खेती का रकबा 171.74 लाख हेक्टेयर पर अपरिवर्तित है। तिलहन बुवाई का रकबा मामूली कम यानी पहले के 171.15 लाख हेक्टेयर की तुलना में 170.78 लाख हेक्टेयर है। कपास खेती का रकबा अधिक यानी 124.9 लाख हेक्टेयर है जो पहले 117.66 लाख हेक्टेयर था।

तोमर ने किसानों को उर्वरकों के संतुलन का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए बुवाई अभियान से पहले अपने खेत की मिट्टी की गुणवत्ता स्थिति को जांचने को कहा। तोमर ने रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग के बारे में चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘‘हमने 12 करोड़ किसानों को प्राथमिकता के आधार पर और मिशन मोड में मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए हैं। लेकिन, किसानों को बुवाई से पहले मृदा स्वास्थ्य जांच के लिए जाना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि किसानों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरुरत है। देश के खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर होने की बात रखते हुए तोमर ने कहा कि आगे उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का उपयोग सुनिश्चित करने, अनुसंधान पर ध्यान देने, उर्वरकों का सही उपयोग करने और किसानों को अधिक आय सुनिश्चित करना, चुनौती है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) तय करना, लगभग 90,000 करोड़ रुपए के पीएम-किसान कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाना, जिसके तहत प्रति वर्ष 6,000 रु तीन समान किस्तों में किसानों को दिये जाएंगे। इसके अलावा किसानों के लिए एक पेंशन योजना भी शुरू की गई है। 

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